नई दिल्ली: केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को मंत्रालय का पदभार संभाल लिया. उन्होंने इस मौके पर यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में श्रम सुधारों तथा अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों के कल्याण पर ध्यान दिया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि श्रम एवं रोजगार से संबंधित मुद्दों पर सरकार का एजेंडा क्या होगा, गंगवार ने संवाददाताओं से कहा, "मंत्रिमंडल की आज की बैठक का पहला एजेंडा श्रम से संबंधित है. मैं आपको इतना ही बता सकता हूं."
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उन्होंने कहा, "अभी विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत मंत्रालय के दायरे में औपचारिक क्षेत्र के करीब 6 करोड़ कामगार हैं. लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पिछली सरकार ने अनौपचारिक क्षेत्र के करीब 50 करोड़ कामगारों के कल्याण की योजनाओं की शुरुआत की."
श्रम सुधारों के बारे में उन्होंने कहा, "सभी श्रम संहिता को लोकसभा में पारित कराने के लिए रखा जाएगा. हम श्रम सुधार के एजेंडे को पूरा करने की कोशिश करेंगे. लेकिन, हम इस प्रक्रिया में श्रमिक संगठनों, नियोक्ताओं तथा नागरिक समाज समेत हर वर्ग और सभी संबंधित पक्षों को साथ लेकर चलना चाहते हैं."
गंगवार को उनकी सादगी तथा ईमानदारी के लिए जाना जाता है. वह आठवीं बार सांसद बने हैं. इस बार वह रोहिलखंड सीट से सांसद बने हैं. उन्होंने बृहस्पतिवार को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली.
वह पिछली राजग सरकार में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे. गंगवार ने आपातकाल के दौरान राजनीति की शुरुआत की. उन्हें सरकार के खिलाफ जनता के आंदोलन की अगुवाई करने के कारण जेल भी भेजा गया था.
वह 1989 में जब भारतीय जनता पार्टी टिकट पर बरेली से सांसद चुने गए तब राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें प्रसिद्धि मिली. वह 2009 तक बरेली से भाजपा सांसद बने रहे. उन्हें 2009 में बरेली से हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2014 में उन्होंने फिर से लोकसभा में वापसी की और नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में मंत्री बने.