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अगले वित्त वर्ष से छोटे व्यावसायियों के लिये 'सहज' जीएसटी रिटर्न फार्म उपलब्ध होगा

ये सरल फार्म जीएसटी नेटवर्क की साइट पर उपलब्ध हैं और परीक्षण के तौर पर कारोबारी इन्हें देख और समझ सकते हैं. ये नये फार्म एक अप्रैल 2020 से अमल में आयेंगे.

अगले वित्त वर्ष से छोटे व्यावसायियों के लिये ‘सहज’ जीएसटी रिटर्न फार्म उपलब्ध होगा
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Published : Oct 1, 2019, 11:10 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 7:57 PM IST

नई दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लिये नेटवर्क व्यवस्था उपलब्ध कराने वाली इकाई जीएसटीएन ने उद्योग जगत और खासतौर से छोटे व्यवसायियों को ध्यान में रखते हुये जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के नये सरल फार्म तैयार किये हैं.

ये सरल फार्म जीएसटी नेटवर्क की साइट पर उपलब्ध हैं और परीक्षण के तौर पर कारोबारी इन्हें देख और समझ सकते हैं. ये नये फार्म एक अप्रैल 2020 से अमल में आयेंगे.

जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने मंगलवार को मीडिया के समक्ष जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की मौजूदा व्यवस्था और नई फार्म व्यवस्था को लेकर जानकारी उपलब्ध कराई.

उन्होंने बताया कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल 2020 से शुरू होगी. लेकिन इसके लिये जानकारी और जागरुकता अभियान अभी से शुरू कर दिया गया है ताकि जब इनका वास्तविक इस्तेमाल शुरू हो तो किसी को कोई कठिनाई नहीं हो.

ये भी पढ़ें: जीएसटी संग्रह 19 महीने के निचले स्तर 91,916 करोड़ रुपये पर पहुंचा

उन्होंने बताया कि नई रिटर्न फाइल व्यवस्था में पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिये प्रत्येक तिमाही रिटर्न दाखिल करने का विकल्प उपलब्ध होगा. कर भुगतान जीएसटी- पीएमटी 08 के तहत ही होगा जबकि पहले यानी मौजूदा चल रही व्यवस्था में यह भुगतान जीएसटीआर-3बी के तहत किया जाता है.

पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों के लिये आरईटी-2 यानी 'सहज' और आरईटी-3 यानी 'सुगम' रिटर्न फार्म तैयार किये गये हैं. इन्हें केवल बी2सी (सीधे ग्राहकों को आपूर्ति करने वाली कंपनियां) और बी2बी (कंपनियों के बीच)तथा बी2सी दोनों तरह का कारोबार करने वालों के आधार पर बांटा गया है.

सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की आपूर्ति करने वाले उद्यमियों को अनिवार्य रूप से आरईटी-1 मासिक रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था होगी. वर्ष 2018- 19 में दाखिल जीएसटीआर-3बी को यदि आधार माना जाये तो सालाना पांच करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले रिटर्न दाखिल करने वाले व्यवसायियों की संख्या सबसे अधिक 70.22 प्रतिशत तक रही है.

इसमें केवल बिजनेस टु कस्टुमर यानी बी2सी आपूर्ति करने वाले कारोबारी 28 प्रतिशत और शून्य कारोबार रिटर्न वालों की संख्या 22.75 प्रतिशत रही है. पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले उद्यमी जो कि मासिक रिटर्न दाखिल करते हैं उनकी संख्या कुल जीएसटी पंजीकरण संख्या के मुकाबले मात्र 7.06 प्रतिशत रही है.

नई दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लिये नेटवर्क व्यवस्था उपलब्ध कराने वाली इकाई जीएसटीएन ने उद्योग जगत और खासतौर से छोटे व्यवसायियों को ध्यान में रखते हुये जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के नये सरल फार्म तैयार किये हैं.

ये सरल फार्म जीएसटी नेटवर्क की साइट पर उपलब्ध हैं और परीक्षण के तौर पर कारोबारी इन्हें देख और समझ सकते हैं. ये नये फार्म एक अप्रैल 2020 से अमल में आयेंगे.

जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने मंगलवार को मीडिया के समक्ष जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की मौजूदा व्यवस्था और नई फार्म व्यवस्था को लेकर जानकारी उपलब्ध कराई.

उन्होंने बताया कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल 2020 से शुरू होगी. लेकिन इसके लिये जानकारी और जागरुकता अभियान अभी से शुरू कर दिया गया है ताकि जब इनका वास्तविक इस्तेमाल शुरू हो तो किसी को कोई कठिनाई नहीं हो.

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उन्होंने बताया कि नई रिटर्न फाइल व्यवस्था में पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिये प्रत्येक तिमाही रिटर्न दाखिल करने का विकल्प उपलब्ध होगा. कर भुगतान जीएसटी- पीएमटी 08 के तहत ही होगा जबकि पहले यानी मौजूदा चल रही व्यवस्था में यह भुगतान जीएसटीआर-3बी के तहत किया जाता है.

पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों के लिये आरईटी-2 यानी 'सहज' और आरईटी-3 यानी 'सुगम' रिटर्न फार्म तैयार किये गये हैं. इन्हें केवल बी2सी (सीधे ग्राहकों को आपूर्ति करने वाली कंपनियां) और बी2बी (कंपनियों के बीच)तथा बी2सी दोनों तरह का कारोबार करने वालों के आधार पर बांटा गया है.

सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की आपूर्ति करने वाले उद्यमियों को अनिवार्य रूप से आरईटी-1 मासिक रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था होगी. वर्ष 2018- 19 में दाखिल जीएसटीआर-3बी को यदि आधार माना जाये तो सालाना पांच करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले रिटर्न दाखिल करने वाले व्यवसायियों की संख्या सबसे अधिक 70.22 प्रतिशत तक रही है.

इसमें केवल बिजनेस टु कस्टुमर यानी बी2सी आपूर्ति करने वाले कारोबारी 28 प्रतिशत और शून्य कारोबार रिटर्न वालों की संख्या 22.75 प्रतिशत रही है. पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले उद्यमी जो कि मासिक रिटर्न दाखिल करते हैं उनकी संख्या कुल जीएसटी पंजीकरण संख्या के मुकाबले मात्र 7.06 प्रतिशत रही है.

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नई दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लिये नेटवर्क व्यवस्था उपलब्ध कराने वाली इकाई जीएसटीएन ने उद्योग जगत और खासतौर से छोटे व्यवसायियों को ध्यान में रखते हुये जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के नये सरल फार्म तैयार किये हैं.

ये सरल फार्म जीएसटी नेटवर्क की साइट पर उपलब्ध हैं और परीक्षण के तौर पर कारोबारी इन्हें देख और समझ सकते हैं. ये नये फार्म एक अप्रैल 2020 से अमल में आयेंगे.

जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने मंगलवार को मीडिया के समक्ष जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की मौजूदा व्यवस्था और नई फार्म व्यवस्था को लेकर जानकारी उपलब्ध कराई.

उन्होंने बताया कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल 2020 से शुरू होगी. लेकिन इसके लिये जानकारी और जागरुकता अभियान अभी से शुरू कर दिया गया है ताकि जब इनका वास्तविक इस्तेमाल शुरू हो तो किसी को कोई कठिनाई नहीं हो.

उन्होंने बताया कि नई रिटर्न फाइल व्यवस्था में पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिये प्रत्येक तिमाही रिटर्न दाखिल करने का विकल्प उपलब्ध होगा. कर भुगतान जीएसटी- पीएमटी 08 के तहत ही होगा जबकि पहले यानी मौजूदा चल रही व्यवस्था में यह भुगतान जीएसटीआर-3बी के तहत किया जाता है.

पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों के लिये आरईटी-2 यानी 'सहज' और आरईटी-3 यानी 'सुगम' रिटर्न फार्म तैयार किये गये हैं. इन्हें केवल बी2सी (सीधे ग्राहकों को आपूर्ति करने वाली कंपनियां) और बी2बी (कंपनियों के बीच)तथा बी2सी दोनों तरह का कारोबार करने वालों के आधार पर बांटा गया है।

सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की आपूर्ति करने वाले उद्यमियों को अनिवार्य रूप से आरईटी-1 मासिक रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था होगी। वर्ष 2018- 19 में दाखिल जीएसटीआर-3बी को यदि आधार माना जाये तो सालाना पांच करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले रिटर्न दाखिल करने वाले व्यवसायियों की संख्या सबसे अधिक 70.22 प्रतिशत तक रही है।

इसमें केवल बिजनेस टु कस्टुमर यानी बी2सी आपूर्ति करने वाले कारोबारी 28 प्रतिशत और शून्य कारोबार रिटर्न वालों की संख्या 22.75 प्रतिशत रही है। पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले उद्यमी जो कि मासिक रिटर्न दाखिल करते हैं उनकी संख्या कुल जीएसटी पंजीकरण संख्या के मुकाबले मात्र 7.06 प्रतिशत रही है।

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Last Updated : Oct 2, 2019, 7:57 PM IST
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