नई दिल्ली: इंडियन ऑयल, अडाणी गैस और टोरेंट जैसी कंपनियों ने देश में अगले 8-10 साल में सीएनजी स्टेशनों की शुरुआत तथा घरों तक रसोई गैस पहुंचाने के लिये 1.20 लाख करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जतायी है. पेट्रोलियम क्षेत्र की नियामक पीएनजीआरबी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
नियामक के चेयरमैन डी.के.सर्राफ ने कहा कि पीएनजीआरबी ने पिछले छह महीने में बोली के दो दौर में 136 भौगोलिक क्षेत्रों में शहरी गैस वितरण नेटवर्क बनाने के लाइसेंस दिये हैं. इससे देश में सीएनजी स्टेशनों को नेटवर्क अभी के 15 सौ से बढ़कर 10 हजार पर पहुंच जाएगा.
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पाइप से प्राकृतिक गैस आपूर्ति के कनेक्शन वाले घरों की संख्या भी मौजूदा पांच लाख से बढ़ाकर पांच करोड़ पर पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में नीलामी के नौवें दौर में 86 क्षेत्रों के लिये 70 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जतायी गयी.
इसके बाद शुक्रवार को नीलामी के 10वें दौर में 50 क्षेत्रों के लिये 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता मिली. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, टोरेंट गैस और अडाणी गैस जैसी कंपनियों को 10वें दौर में जीतने का आशयपत्र सौंपा.
उन्होंने इस मौके पर कहा, "शहरी गैस वितरण नेटवर्क के तहत 2014 में महज 20 प्रतिशत आबादी को पाइप से गैस आपूर्ति की सुविधा प्राप्त थी. 10वें दौर की नीलामी के बाद 70 प्रतिशत आबादी इसके दायरे में आ जाएगी. इसके बाद नेटवर्क की पहुंच देश के 402 जिलों में होगी.'' बोली के 10वें दौर में इंडियन ऑयल को 10 शहरों, हिंदुस्तान पेट्रोलियम को नौ शहरों में गैस वितरण के लाइसेंस मिले.
(भाषा)