मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बैंकों से अपनी ऋण प्रदान करने की क्षमता बढ़ाने को कहा है. गवर्नर ने कहा कि बैंक अग्रसारी कदम उठाकर पूंजी जुटाएं और अपनी जुझारू क्षमता और ऋण क्षमता को मजबूत करें. केंद्रीय बैंक ने बुधवार को जारी बयान में यह जानकारी दी.
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ दो दिवसीय बैठक के दौरान गवर्नर ने सावधानी बरतने और डूबे कर्ज के खिलाफ मुस्तैदी से पूंजी का प्रावधान करने पर जोर दिया.
दास ने इसी तरह की बैठकें मई में भी की थीं. इसके साथ ही दास ने अन्य वित्तीय संस्थानों मसलन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा सूक्ष्म वित्त कंपनियों के साथ भी बैठक की.
रिजर्व बैंक ने बयान में कहा गया है कि दास ने मंगलवार और बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की. बैठक में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर भी शामिल हुए.
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बैठक के दौरान गवर्नर ने मौजूदा आर्थिक स्थिति का मुद्दा उठाते हुए आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. वित्तीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए दास ने रिजर्व बैंक द्वारा महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया.
बैठक में मौजूदा आर्थिक स्थिति और परिदृश्य, मौद्रिक नीति में किए गए उपायों का लाभ ग्राहकों को स्थानांतरित करने और तरलता की स्थिति पर भी चर्चा हुई.
बयान में कहा गया है कि बैठक में विभिन्न क्षेत्रों, मसलन दबाव वाले क्षेत्रों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र (एमएसएमई) को ऋण के प्रवाह पर भी विचार-विमर्श हुआ.