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बचत खाताधारकों को राहत, जनवरी से ऑनलाइन लेनदेन पर एनईएफटी चार्ज खत्म

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Published : Nov 8, 2019, 4:39 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 10:26 PM IST

आरबीआई ने एक बयान में कहा, "रिजर्व बैंक का प्रयास अत्याधुनिक भुगतान प्रणालियों को स्थापित करने का रहा है जो कुशल, सुविधाजनक, सुरक्षित, सुरक्षित और सस्ती हैं. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप खुदरा डिजिटल भुगतान प्रणालियों में तेजी से वृद्धि हुई है."

बचत खाताधारकों को राहत, जनवरी से ऑनलाइन लेनदेन पर एनईएफटी चार्ज खत्म

मुंबई: नए साल में ग्राहकों को बैंकों की ओर से नई सौगात मिल सकती है. जनवरी 2020 से ग्राहक को बैंकों से के एनईएफटी जरिए किए जाने वाले लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.

नोटबंदी की तीसरी वर्षगांठ पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया है. केंद्रीय बैंक ने पार्किंग और पेट्रोल पंपों पर भुगतान के लिए फास्ट टैग का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव रखा है.

ये भी पढ़ें- मूडीज ने भारत का क्रेडिट रेटिंग परिदृश्य किया नकारात्मक, पर सरकार का इनकार

अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019 के बीच कुल गैर-नकद खुदरा भुगतान में डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी 96 प्रतिशत रही है. इसी अवधि में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण और एकीकृत भुगतान इंटरफेस प्रणालियों से क्रमश: 252 करोड़ और 874 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है. सालाना आधार पर इनके लेनदेन में क्रमश: 20 प्रतिशत और 263 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

ऑनलाइन लेनदेन के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, "भुगतान प्रणालियों में इस उल्लेखनीय वृद्धि की वजह रिजर्व बैंक द्वारा इस संबंध में कई कदम उठाया जाना है. ऐसे में अब हर नागरिक को असाधारण भुगतान अनुभव के लिए सशक्त करने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि एनईएफटी प्रणाली के तहत बचत खातों से किए जाने वाले ऑनलाइन लेनदेन के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क ना लिया जाए."

भूटान में भी रुपे कार्ड सेवा शुरु
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने भूटान में रुपे कार्ड से भुगतान की सुविधा मिलने की भी जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर 2016 को सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद कर दिए थे. इसके स्थान पर 2,000 और 500 रुपए का नया नोट चलन में लाया गया.

मुंबई: नए साल में ग्राहकों को बैंकों की ओर से नई सौगात मिल सकती है. जनवरी 2020 से ग्राहक को बैंकों से के एनईएफटी जरिए किए जाने वाले लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.

नोटबंदी की तीसरी वर्षगांठ पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया है. केंद्रीय बैंक ने पार्किंग और पेट्रोल पंपों पर भुगतान के लिए फास्ट टैग का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव रखा है.

ये भी पढ़ें- मूडीज ने भारत का क्रेडिट रेटिंग परिदृश्य किया नकारात्मक, पर सरकार का इनकार

अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019 के बीच कुल गैर-नकद खुदरा भुगतान में डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी 96 प्रतिशत रही है. इसी अवधि में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण और एकीकृत भुगतान इंटरफेस प्रणालियों से क्रमश: 252 करोड़ और 874 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है. सालाना आधार पर इनके लेनदेन में क्रमश: 20 प्रतिशत और 263 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

ऑनलाइन लेनदेन के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, "भुगतान प्रणालियों में इस उल्लेखनीय वृद्धि की वजह रिजर्व बैंक द्वारा इस संबंध में कई कदम उठाया जाना है. ऐसे में अब हर नागरिक को असाधारण भुगतान अनुभव के लिए सशक्त करने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि एनईएफटी प्रणाली के तहत बचत खातों से किए जाने वाले ऑनलाइन लेनदेन के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क ना लिया जाए."

भूटान में भी रुपे कार्ड सेवा शुरु
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने भूटान में रुपे कार्ड से भुगतान की सुविधा मिलने की भी जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर 2016 को सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद कर दिए थे. इसके स्थान पर 2,000 और 500 रुपए का नया नोट चलन में लाया गया.

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बचत खाताधारकों को राहत, ऑनलाइन लेनदेन पर एनईएफटी चार्ज खत्म

मुंबई: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने बैंकों को जनवरी 2020 से प्रभावी होने वाले एनईएफटी यानि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर प्रणाली में ऑनलाइन लेनदेन के लिए बचत बैंक खाता ग्राहकों से शुल्क नहीं लेने को कहा है. बता दें कि आरटीजीएस और एनईएफटी दोनों ही रिजर्व बैंक द्वारा बनाए गए रियल-टाइम भुगतान प्रणाली हैं. 

आरबीआई ने एक बयान में कहा, "रिजर्व बैंक का प्रयास अत्याधुनिक भुगतान प्रणालियों को स्थापित करने का रहा है जो कुशल, सुविधाजनक, सुरक्षित, सुरक्षित और सस्ती हैं. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप खुदरा डिजिटल भुगतान प्रणालियों में तेजी से वृद्धि हुई है."

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आरबीआई के आकंड़ों के मुताबिक डिजिटल भुगतान अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019 की अवधि के दौरान कुल गैर-नकद खुदरा भुगतान का 96% का गठन किया.

इसी अवधि के दौरान नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम ने 20% और 263% की सालाना वृद्धि के साथ साल में 252 करोड़ और 874 करोड़ लेनदेन को किया.


Conclusion:
Last Updated : Nov 8, 2019, 10:26 PM IST
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