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तीसरी तिमाही में कंपनियों का मुनाफा कम हुआ, राजस्व वृद्धि दर भी कम हुई: इक्रा - ईंधन एवं कच्ची सामग्री

इक्रा ने 648 सूचीबद्ध कंपनियों के परिणामों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है कि दूसरी तिमाही में इन कंपनियों का राजस्व 19.4 प्रतिशत बढ़ा जो तीसरी तिमाही में कम होकर 17.3 प्रतिशत पर आ गया.

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Published : Feb 25, 2019, 11:52 PM IST

मुंबई: घरेलू कंपनियों की राजस्व वृद्धि तथा मुनाफा दोनों में दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही की तुलना में कमी दर्ज की गयी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को कहा कि यदि पिछले साल की तीसरी तिमाही से इसकी तुलना की जाये तो राजस्व वृद्धि दर बढ़ी है लेकिन मुनाफा कम रहा है.

इक्रा ने 648 सूचीबद्ध कंपनियों के परिणामों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है. उसके अनुसार दूसरी तिमाही में इन कंपनियों का राजस्व 19.4 प्रतिशत बढ़ा जो तीसरी तिमाही में कम होकर 17.3 प्रतिशत पर आ गया.

ये भी पढ़ें-देश का एयर प्यूरिफायर बाजार 2023 तक 3.9 करोड़ डॉलर का हो सकता है : रिपोर्ट

साल भर पहले की तीसरी तिमाही में कंपनियों की राजस्व वृद्धि दर 9.80 प्रतिशत रही थी. रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के शुद्ध मुनाफा में पिछले साल की तीसरी तिमाही में 17.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी. यह दर कम होकर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 16.6 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 16.4 प्रतिशत पर आ गयी.

इक्रा के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग) शमशेर दीवान ने कहा कि रुपये में गिरावट के प्रतिकूल असर तथा ईंधन एवं कच्ची सामग्री की लागत बढ़ने से मुनाफा कम हुआ है. उन्होंने कहा, "विमानन कंपनियां तथा सीमेंट एवं भवन निर्माण सामग्री क्षेत्र का मुनाफा ईंधन की कीमतें बढ़ने से कम हुआ है. वाहन कंपनियां, टिकाउ उपभोक्ता उत्पाद और पेंट एवं मीडिया क्षेत्र का मुनाफा लागत बढ़ने से कम हुआ है."

दीवान ने कहा कि तीसरी तिमाही के उत्तरार्द्ध में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आयी तथा कुछ क्षेत्र की कंपनियों ने उत्पादों के दाम बढ़ाये. इससे विमान, टाइल्स और सेरामिक जैसे क्षेत्रों की कंपनियों के मुनाफे में कुछ सुधार हुआ. उन्होंने कहा कि उपभोग क्षेत्र की कंपनियों ने भी मिश्रित प्रदर्शन किया.

वाहन कंपनियों को बिक्री में कमी का सामना करना पड़ा जबकि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद तथा एफएमसीजी कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया. इक्रा ने कहा कि ग्रामीण मांग आगे भी स्थिर बनी रहेगी क्योंकि अधिकांश कंपनियों के परिणाम से ग्रामीण क्षेत्र की वृद्धि के शहरी क्षेत्र से आगे निकल जाने के संकेत मिलते हैं. अधिकांश कंपनियों का मानना है कि चुनाव से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा कृषि अर्थव्यवस्था पर जोर देने से ग्रामीण वृद्धि की गति स्थिर रहेगी.

(भाषा)

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मुंबई: घरेलू कंपनियों की राजस्व वृद्धि तथा मुनाफा दोनों में दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही की तुलना में कमी दर्ज की गयी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को कहा कि यदि पिछले साल की तीसरी तिमाही से इसकी तुलना की जाये तो राजस्व वृद्धि दर बढ़ी है लेकिन मुनाफा कम रहा है.

इक्रा ने 648 सूचीबद्ध कंपनियों के परिणामों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है. उसके अनुसार दूसरी तिमाही में इन कंपनियों का राजस्व 19.4 प्रतिशत बढ़ा जो तीसरी तिमाही में कम होकर 17.3 प्रतिशत पर आ गया.

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साल भर पहले की तीसरी तिमाही में कंपनियों की राजस्व वृद्धि दर 9.80 प्रतिशत रही थी. रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के शुद्ध मुनाफा में पिछले साल की तीसरी तिमाही में 17.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी. यह दर कम होकर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 16.6 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 16.4 प्रतिशत पर आ गयी.

इक्रा के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग) शमशेर दीवान ने कहा कि रुपये में गिरावट के प्रतिकूल असर तथा ईंधन एवं कच्ची सामग्री की लागत बढ़ने से मुनाफा कम हुआ है. उन्होंने कहा, "विमानन कंपनियां तथा सीमेंट एवं भवन निर्माण सामग्री क्षेत्र का मुनाफा ईंधन की कीमतें बढ़ने से कम हुआ है. वाहन कंपनियां, टिकाउ उपभोक्ता उत्पाद और पेंट एवं मीडिया क्षेत्र का मुनाफा लागत बढ़ने से कम हुआ है."

दीवान ने कहा कि तीसरी तिमाही के उत्तरार्द्ध में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आयी तथा कुछ क्षेत्र की कंपनियों ने उत्पादों के दाम बढ़ाये. इससे विमान, टाइल्स और सेरामिक जैसे क्षेत्रों की कंपनियों के मुनाफे में कुछ सुधार हुआ. उन्होंने कहा कि उपभोग क्षेत्र की कंपनियों ने भी मिश्रित प्रदर्शन किया.

वाहन कंपनियों को बिक्री में कमी का सामना करना पड़ा जबकि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद तथा एफएमसीजी कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया. इक्रा ने कहा कि ग्रामीण मांग आगे भी स्थिर बनी रहेगी क्योंकि अधिकांश कंपनियों के परिणाम से ग्रामीण क्षेत्र की वृद्धि के शहरी क्षेत्र से आगे निकल जाने के संकेत मिलते हैं. अधिकांश कंपनियों का मानना है कि चुनाव से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा कृषि अर्थव्यवस्था पर जोर देने से ग्रामीण वृद्धि की गति स्थिर रहेगी.

(भाषा)

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तीसरी तिमाही में कंपनियों का मुनाफा कम हुआ, राजस्व वृद्धि दर भी कम हुई: इक्रा

मुंबई: घरेलू कंपनियों की राजस्व वृद्धि तथा मुनाफा दोनों में दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही की तुलना में कमी दर्ज की गयी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को कहा कि यदि पिछले साल की तीसरी तिमाही से इसकी तुलना की जाये तो राजस्व वृद्धि दर बढ़ी है लेकिन मुनाफा कम रहा है. 

इक्रा ने 648 सूचीबद्ध कंपनियों के परिणामों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है. उसके अनुसार दूसरी तिमाही में इन कंपनियों का राजस्व 19.4 प्रतिशत बढ़ा जो तीसरी तिमाही में कम होकर 17.3 प्रतिशत पर आ गया. 

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साल भर पहले की तीसरी तिमाही में कंपनियों की राजस्व वृद्धि दर 9.80 प्रतिशत रही थी. रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के शुद्ध मुनाफा में पिछले साल की तीसरी तिमाही में 17.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी. यह दर कम होकर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 16.6 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 16.4 प्रतिशत पर आ गयी. 

इक्रा के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग) शमशेर दीवान ने कहा कि रुपये में गिरावट के प्रतिकूल असर तथा ईंधन एवं कच्ची सामग्री की लागत बढ़ने से मुनाफा कम हुआ है. उन्होंने कहा, "विमानन कंपनियां तथा सीमेंट एवं भवन निर्माण सामग्री क्षेत्र का मुनाफा ईंधन की कीमतें बढ़ने से कम हुआ है. वाहन कंपनियां, टिकाउ उपभोक्ता उत्पाद और पेंट एवं मीडिया क्षेत्र का मुनाफा लागत बढ़ने से कम हुआ है." 

दीवान ने कहा कि तीसरी तिमाही के उत्तरार्द्ध में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आयी तथा कुछ क्षेत्र की कंपनियों ने उत्पादों के दाम बढ़ाये. इससे विमान, टाइल्स और सेरामिक जैसे क्षेत्रों की कंपनियों के मुनाफे में कुछ सुधार हुआ. उन्होंने कहा कि उपभोग क्षेत्र की कंपनियों ने भी मिश्रित प्रदर्शन किया. 

वाहन कंपनियों को बिक्री में कमी का सामना करना पड़ा जबकि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद तथा एफएमसीजी कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया. इक्रा ने कहा कि ग्रामीण मांग आगे भी स्थिर बनी रहेगी क्योंकि अधिकांश कंपनियों के परिणाम से ग्रामीण क्षेत्र की वृद्धि के शहरी क्षेत्र से आगे निकल जाने के संकेत मिलते हैं. अधिकांश कंपनियों का मानना है कि चुनाव से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा कृषि अर्थव्यवस्था पर जोर देने से ग्रामीण वृद्धि की गति स्थिर रहेगी.

(भाषा) 


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