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सरकारी बैंकों ने अप्रैल-सितंबर के दौरान दी 95,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी

रिपोर्ट किये गये वर्ष के दौरान एक अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 की अवधि में 95,760.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,743 मामले हुये.

सरकारी बैंकों ने अप्रैल-सितंबर के दौरान दी 95,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी
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Published : Nov 19, 2019, 10:08 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: सरकारी बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 95,700 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के 5,743 मामलों की सूचना दी है. यह जानकारी मंगलवार को संसद को दी गई.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, "भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट किये गये वर्ष के दौरान एक अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 की अवधि में 95,760.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,743 मामले हुये."

वित्त मंत्री ने लिखित उत्तर में सदन को बताया कि 3.38 लाख निष्क्रिय कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने सहित बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: जल्द देश में 15 और विदेशी बैंक खोलेंगी अपनी शाखाएं

इस बीच, एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिये जाने के बाद बैंक के 78 प्रतिशत जमाकर्ता अपने खाते की पूरी राशि निकाल सकेंगे.

पीएमसी बैंक के 23 सितंबर, 2019 को (आरबीआई निर्देश लागू होने के दिन), पीएमसी बैंक के कुल खाताधारकों की संख्या 9,15,775 थी.

नई दिल्ली: सरकारी बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 95,700 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के 5,743 मामलों की सूचना दी है. यह जानकारी मंगलवार को संसद को दी गई.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, "भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट किये गये वर्ष के दौरान एक अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 की अवधि में 95,760.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,743 मामले हुये."

वित्त मंत्री ने लिखित उत्तर में सदन को बताया कि 3.38 लाख निष्क्रिय कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने सहित बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं.

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इस बीच, एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिये जाने के बाद बैंक के 78 प्रतिशत जमाकर्ता अपने खाते की पूरी राशि निकाल सकेंगे.

पीएमसी बैंक के 23 सितंबर, 2019 को (आरबीआई निर्देश लागू होने के दिन), पीएमसी बैंक के कुल खाताधारकों की संख्या 9,15,775 थी.

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नई दिल्ली: सरकारी बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 95,700 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के 5,743 मामलों की सूचना दी है. यह जानकारी मंगलवार को संसद को दी गई.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, "भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट किये गये वर्ष के दौरान एक अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 की अवधि में 95,760.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,743 मामले हुये."

वित्त मंत्री ने लिखित उत्तर में सदन को बताया कि 3.38 लाख निष्क्रिय कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने सहित बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं.

इस बीच, एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिये जाने के बाद बैंक के 78 प्रतिशत जमाकर्ता अपने खाते की पूरी राशि निकाल सकेंगे.

पीएमसी बैंक के 23 सितंबर, 2019 को (आरबीआई निर्देश लागू होने के दिन), पीएमसी बैंक के कुल खाताधारकों की संख्या 9,15,775 थी.

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Last Updated : Nov 19, 2019, 10:51 PM IST
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