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आर्थिक वृद्धि में निजी क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण : राजीव कुमार

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निजी क्षेत्र को अब इस देश की आर्थिक वृद्धि की मुख्य शक्ति बनना होगा. पहले आर्थिक वृद्धि का इंजन सार्वजनिक क्षेत्र हुआ करता था, पर अब ऐसा नहीं है.

आर्थिक वृद्धि में निजी क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण : राजीव कुमार
आर्थिक वृद्धि में निजी क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण : राजीव कुमार
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Published : Apr 29, 2021, 7:36 PM IST

कोलकाता : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने में अब निजी क्षेत्र की इकाइयों को बड़ी भूमिका निभानी होगी.

उन्होंने कहा कि पहले यह भूमिका सरकारी उपक्रम निभा रहे थे पर अब निजी क्षेत्र को आगे आना होगा. वह उद्योगमंडल मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की वीडियो लिंक पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को सरकार के साथ विश्वास का संबंध बनाना चाहिए. यह समय की मांग है.

कुमार ने कहा, 'निजी क्षेत्र को अब इस देश की आर्थिक वृद्धि की मुख्य शक्ति बनना होगा. पहले आर्थिक वृद्धि का इंजन सार्वजनिक क्षेत्र हुआ करता था, पर अब ऐसा नहीं है.'

उन्होंने कहा कि भारत में गरीबी, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा सुविधओं के विस्तार के लिए संसाधन जुटाने हेतु कम से कम आठ प्रतिशत वार्षिक वृद्धि जरूरी है.

ये भी पढ़ें : व्यय सचिव टी वी सोमनाथन को वित्त सचिव के रूप में किया नामित

कुमार ने आर्थिक वृद्धि तेज करने की जरूरत के साथ साथ इस बात पर भी बल दिया कि वृद्धि न्यायपूर्ण एवं स्वस्थ तरीके से होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि 1990 में चीन की प्रति व्यक्ति आय भारत के ही बराबर थी पर आज यह भारत से पांच गुना अधिक है.

उन्होंने वृद्धि के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के और बड़े हिस्से के बाराबर निवेश की जरूरत पर बल दिया. इसी तरह भारत को निर्यात बजार में भी अपना हिस्सा बढ़ाना होगा.

उन्होंने जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा बढ़ाने को भी जरूरी बताते हुए कहा कि इसी कारण सरकार ने उत्पाकता आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआ) को बढ़ा कर 13 क्षेत्रों को इसके अंतर्गत रखा है.

कुमार ने कहा कि वृद्धि दर बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण भी जरूरी है.

कोलकाता : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने में अब निजी क्षेत्र की इकाइयों को बड़ी भूमिका निभानी होगी.

उन्होंने कहा कि पहले यह भूमिका सरकारी उपक्रम निभा रहे थे पर अब निजी क्षेत्र को आगे आना होगा. वह उद्योगमंडल मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की वीडियो लिंक पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को सरकार के साथ विश्वास का संबंध बनाना चाहिए. यह समय की मांग है.

कुमार ने कहा, 'निजी क्षेत्र को अब इस देश की आर्थिक वृद्धि की मुख्य शक्ति बनना होगा. पहले आर्थिक वृद्धि का इंजन सार्वजनिक क्षेत्र हुआ करता था, पर अब ऐसा नहीं है.'

उन्होंने कहा कि भारत में गरीबी, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा सुविधओं के विस्तार के लिए संसाधन जुटाने हेतु कम से कम आठ प्रतिशत वार्षिक वृद्धि जरूरी है.

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कुमार ने आर्थिक वृद्धि तेज करने की जरूरत के साथ साथ इस बात पर भी बल दिया कि वृद्धि न्यायपूर्ण एवं स्वस्थ तरीके से होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि 1990 में चीन की प्रति व्यक्ति आय भारत के ही बराबर थी पर आज यह भारत से पांच गुना अधिक है.

उन्होंने वृद्धि के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के और बड़े हिस्से के बाराबर निवेश की जरूरत पर बल दिया. इसी तरह भारत को निर्यात बजार में भी अपना हिस्सा बढ़ाना होगा.

उन्होंने जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा बढ़ाने को भी जरूरी बताते हुए कहा कि इसी कारण सरकार ने उत्पाकता आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआ) को बढ़ा कर 13 क्षेत्रों को इसके अंतर्गत रखा है.

कुमार ने कहा कि वृद्धि दर बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण भी जरूरी है.

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