मुंबई: देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नंदन नीलेकणि समिति ने डिजिटल लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को हटाने, चौबीस घंटे आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा देने और पॉइंट ऑफ सेल मशीन के आयात को शुल्क मुक्त करने समेत कई सुझाव दिए हैं.
डिजिटल भुगतान के संबंध में सुझाव देने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने नीलेकणि की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनायी थी.
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समिति ने कहा कि सरकारी एजेंसियों को डिजिटल भुगतान करने पर ग्राहकों से कोई सुविधा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं इस तरह के लेनदेन से जुड़ी शिकायतों के समाधान की ऑनलाइन प्रणाली बनाने का भी सुझाव दिया है.
इस संबंध में रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रपट में कहा गया है कि समिति ने डिजिटल भुगतान प्रणाली पर निगरानी के लिए सरकार और आरबीआई से पर्याप्त व्यवस्था करने और ब्लॉक, पिनकोड इत्यादि के आधार पर एकीकृत जानकारी रखने का सुझाव दिया है जो सभी कंपनियों को मासिक आधार पर उपलब्ध हों ताकि वह अनिवार्य संयोजन कर सकें.
नीलेकणि समिति ने डिजिटल लेनदेन बढ़ाने के लिए दिए सुझाव - बिजनेस न्यूज
डिजिटल भुगतान के संबंध में सुझाव देने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने नीलेकणि की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनायी थी.
मुंबई: देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नंदन नीलेकणि समिति ने डिजिटल लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को हटाने, चौबीस घंटे आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा देने और पॉइंट ऑफ सेल मशीन के आयात को शुल्क मुक्त करने समेत कई सुझाव दिए हैं.
डिजिटल भुगतान के संबंध में सुझाव देने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने नीलेकणि की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनायी थी.
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समिति ने कहा कि सरकारी एजेंसियों को डिजिटल भुगतान करने पर ग्राहकों से कोई सुविधा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं इस तरह के लेनदेन से जुड़ी शिकायतों के समाधान की ऑनलाइन प्रणाली बनाने का भी सुझाव दिया है.
इस संबंध में रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रपट में कहा गया है कि समिति ने डिजिटल भुगतान प्रणाली पर निगरानी के लिए सरकार और आरबीआई से पर्याप्त व्यवस्था करने और ब्लॉक, पिनकोड इत्यादि के आधार पर एकीकृत जानकारी रखने का सुझाव दिया है जो सभी कंपनियों को मासिक आधार पर उपलब्ध हों ताकि वह अनिवार्य संयोजन कर सकें.
नीलेकणि समिति ने डिजिटल लेनदेन बढ़ाने के लिए दिए सुझाव
मुंबई: देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नंदन नीलेकणि समिति ने डिजिटल लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को हटाने, चौबीस घंटे आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा देने और पॉइंट ऑफ सेल मशीन के आयात को शुल्क मुक्त करने समेत कई सुझाव दिए हैं.
डिजिटल भुगतान के संबंध में सुझाव देने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने नीलेकणि की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनायी थी.
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समिति ने कहा कि सरकारी एजेंसियों को डिजिटल भुगतान करने पर ग्राहकों से कोई सुविधा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं इस तरह के लेनदेन से जुड़ी शिकायतों के समाधान की ऑनलाइन प्रणाली बनाने का भी सुझाव दिया है.
इस संबंध में रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रपट में कहा गया है कि समिति ने डिजिटल भुगतान प्रणाली पर निगरानी के लिए सरकार और आरबीआई से पर्याप्त व्यवस्था करने और ब्लॉक, पिनकोड इत्यादि के आधार पर एकीकृत जानकारी रखने का सुझाव दिया है जो सभी कंपनियों को मासिक आधार पर उपलब्ध हों ताकि वह अनिवार्य संयोजन कर सकें.
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