नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अब तक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) और कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं. राष्ट्रव्यापी बंद 25 मार्च से लागू हुआ है.
इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कार्यशील पूंजी की सीमा पर मौजूदा कोष पर दस प्रतिशत अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराया है. इसके लिए अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपये है.
सरकार द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार अभी तक बैंकों ने अपने मौजूदा ग्राहकों के लिए कोविड-19 राहत योजना के तहत एमएसएमई को 27,426 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है. इसके अलावा कंपनियों को इसका आधा करीब 14,735 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है.
संख्या में बात की जाए तो अभी तक 10 लाख एमएसएमई और 6,428 कंपनियों ने इस योजना का लाभ उठाया है. इसके अलावा कई एमएसएमई और कंपनियों ने रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप बैंकों द्वारा ऋण भुगतान में दी जा रही तीन माह की छूट का भी लाभ लिया है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि 3.2 करोड़ ग्राहकों ने ऋण भुगतान में तीन माह की रोक की सुविधा का लाभ उठाया है.
सीतारमण ने यह भी बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च और अप्रैल के दौरान 5.66 लाख करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है. इस ऋण का वितरण लॉकडाउन खुलने के तुरंत बाद किया जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)