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आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब, विभाग ने शुरू की झटपट प्रोसेसिंग

अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है तो नई झटपट सुविधा का उपयोग करके जल्द रिटर्न दाखिल करें क्योंकि विलंब होने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है.

आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब, विभाग ने शुरू की झटपट प्रोसेसिंग
आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब, विभाग ने शुरू की झटपट प्रोसेसिंग
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Published : Dec 26, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 2:13 PM IST

नई दिल्ली : आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है.

अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है तो इस नई सुविधा का उपयोग करके जल्द रिटर्न दाखिल करें क्योंकि विलंब होने पर आपको जुमार्ना भरना पड़ सकता है. खासतौर से वेतनभोगियों के लिए यह सुविधा काफी उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि उनके लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर ही है.

चार्टेर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर वेतनभोगी लोगों के लिए है जो बिजनेस से नहीं जुड़े हैं. उन्होंने बताया किऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.

मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं या बिजनेस से भी जुड़े हैं लेकिन उनका टैक्स ऑडिट नहीं है. उन्होंने बताया कि ऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.

ऐसे में झटपट प्रोसेसिंग का उपयोग करके आप जल्द आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. आयकर विभाग की वेबसाइट पर आपको विभाग की ओर से शुरू की गई इस पहल का स्लोगन 'फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से' देखने को मिलेगा. इसमें बताया गया है कि आप आईटीआर-1 और आईटीआर-4 कैसे दाखिल कर सकते हैं.

आईटीआर-1 एक सरलीकृत एक पेज का फॉर्म होता है जो उन आयकरदाताओं के लिए है जो वेतन या पेंशन व एक हाउस प्रोपर्टी से सालाना 50 लाख रुपये की आय प्राप्त करते हैं.

आईटीआर-4 उन आयकर दाताओं के लिए है जो व्यवसायी या पेशेवर हैं. इसमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने आयकर अधिनियम के सेक्शन 44एडी, सेक्शन 44एडीए और 44एई के अनुसार संभावित आय स्कीम का विकल्प लिया है.

मिश्रा ने बताया, "आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं और उनकी आय की ऑडिट नहीं होती है. लेकिन अगर आप बिजनेस से जुड़े हैं और आपकी बैलेंस शीट ऑडिट होती है तो आपके लिए बिना जुर्माना आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2021 है."

विलंब से आयकर दाखिल करने पर आयकर विभाग ने अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान किया है.

ये भी पढ़ें : भारतीय ऑटो उद्योग को 2021-22 में बंपर वृद्धि की उम्मीद: नोमुरा

मिश्रा ने बताया कि जिन व्यक्तियों की कर योग्य आय 50,0000 रुपये यानी पांच लाख रुपये तक है उनको 31 दिसंबर के बाद रिटर्न दाखिल करने पर 1,000 रुपये जुमार्ना भरना पड़ेगा. वहीं, जिनकी कर योग्य आय अगर पांच लाख रुपये से अधिक है उनको 31 दिसंबर के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर 10,000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा.

ये वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर भरने के प्रावधान हैं और जुमार्ने के साथ 31 मार्च 2021 तक आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सकता है.

इसलिए, अगर आप जुर्माना भरने से बचना चाहते हैं तो अब विलंब मत कीजिए क्योंकि आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब है.

नई दिल्ली : आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है.

अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है तो इस नई सुविधा का उपयोग करके जल्द रिटर्न दाखिल करें क्योंकि विलंब होने पर आपको जुमार्ना भरना पड़ सकता है. खासतौर से वेतनभोगियों के लिए यह सुविधा काफी उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि उनके लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर ही है.

चार्टेर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर वेतनभोगी लोगों के लिए है जो बिजनेस से नहीं जुड़े हैं. उन्होंने बताया किऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.

मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं या बिजनेस से भी जुड़े हैं लेकिन उनका टैक्स ऑडिट नहीं है. उन्होंने बताया कि ऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.

ऐसे में झटपट प्रोसेसिंग का उपयोग करके आप जल्द आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. आयकर विभाग की वेबसाइट पर आपको विभाग की ओर से शुरू की गई इस पहल का स्लोगन 'फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से' देखने को मिलेगा. इसमें बताया गया है कि आप आईटीआर-1 और आईटीआर-4 कैसे दाखिल कर सकते हैं.

आईटीआर-1 एक सरलीकृत एक पेज का फॉर्म होता है जो उन आयकरदाताओं के लिए है जो वेतन या पेंशन व एक हाउस प्रोपर्टी से सालाना 50 लाख रुपये की आय प्राप्त करते हैं.

आईटीआर-4 उन आयकर दाताओं के लिए है जो व्यवसायी या पेशेवर हैं. इसमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने आयकर अधिनियम के सेक्शन 44एडी, सेक्शन 44एडीए और 44एई के अनुसार संभावित आय स्कीम का विकल्प लिया है.

मिश्रा ने बताया, "आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं और उनकी आय की ऑडिट नहीं होती है. लेकिन अगर आप बिजनेस से जुड़े हैं और आपकी बैलेंस शीट ऑडिट होती है तो आपके लिए बिना जुर्माना आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2021 है."

विलंब से आयकर दाखिल करने पर आयकर विभाग ने अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान किया है.

ये भी पढ़ें : भारतीय ऑटो उद्योग को 2021-22 में बंपर वृद्धि की उम्मीद: नोमुरा

मिश्रा ने बताया कि जिन व्यक्तियों की कर योग्य आय 50,0000 रुपये यानी पांच लाख रुपये तक है उनको 31 दिसंबर के बाद रिटर्न दाखिल करने पर 1,000 रुपये जुमार्ना भरना पड़ेगा. वहीं, जिनकी कर योग्य आय अगर पांच लाख रुपये से अधिक है उनको 31 दिसंबर के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर 10,000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा.

ये वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर भरने के प्रावधान हैं और जुमार्ने के साथ 31 मार्च 2021 तक आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सकता है.

इसलिए, अगर आप जुर्माना भरने से बचना चाहते हैं तो अब विलंब मत कीजिए क्योंकि आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब है.

Last Updated : Dec 26, 2020, 2:13 PM IST
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