नई दिल्ली : देश में मई के पहले सप्ताह में सालाना आधार पर बिजली खपत 25 प्रतिशत बढ़कर 26.24 अरब यूनिट रही. यह बिजली की औद्योगिक और वाणिज्यिक मांग में निरंतर सुधार को बताता है.
बिजली मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, मई 2020 के पहले सप्ताह में बिजली खपत 21.05 अरब यूनिट थी. पिछले साल मई में पूरे माह के दौरान बिजली खपत 102.08 अरब यूनिट थी. बिजली की अधिकतम मांग (अधिकतम आपूर्ति) इस साल माह के पहले सप्ताह में दो मई को छोड़कर मई 2020 में 1,66,220 मेगावाट के अधिकतम रिकार्ड से अधिक रही. दो मई को अधिकतम मांग 1,61,140 मेगावाट रही थी.
आंकड़े के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग छह मई 2021 को 1,68,780 मेगावाट पहुंच गई. यह पिछले साल सात मई को सर्वाधिक 1,38,600 मेगावाट की अधिकतम मांग के मुकाबले करीब 22 प्रतिशत ज्यादा है. बिजली की खपत अप्रैल महीने में 41 प्रतिशत बढ़कर 1,19,270 मेगावाट रही थी.
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अप्रैल 2020 में बिजली की खपत घटकर 84,550 मेगावाट रही थी. इसका कारण कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए पिछले साल मार्च के अंतिम सप्ताह से लगाया गया लॉकडाउन था.
विशेषज्ञों का कहना है कि मई में बिजली खपत के साथ-साथ मांग में बढ़ने का कारण मुख्य रूप से तुलनात्मक आधार कमजोर होना है. लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 की दूसरी लहर और उसे काबू में लाने के लिए विभिन्न राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन तथा अन्य पाबंदियों के कारण मांग और खपत बढ़ी है.
उनका यह भी कहना है कि स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन वाणिज्यक और औद्योगिक बिजली खपत में जो पुनरूद्धार है, उसे पटरी से उतार सकता है.