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कोविड-19 संकट से निपटने में भारतीय कारोबार जगत ने दिखाई उच्च स्तरीय तत्परता: एचएसबीसी रिपोर्ट

एचएसबीसी 'बिल्डिंग बैक बैटर' रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल करीब 46 प्रतिशत भारतीय कारोबारों ने माना कि कोरोना वायरस महामारी का उन पर 'गहरा बुरा असर' हुआ है. वहीं 54 प्रतिशत का मानना है कि वह इस तरह के संकट के लिए उतने ही अच्छे तरीके से तैयार थे जितना हो सकते थे.

कोविड-19 संकट से निपटने में भारतीय कारोबार जगत ने दिखाई उच्च स्तरीय तत्परता: एचएसबीसी रिपोर्ट
कोविड-19 संकट से निपटने में भारतीय कारोबार जगत ने दिखाई उच्च स्तरीय तत्परता: एचएसबीसी रिपोर्ट
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Published : Jul 21, 2020, 6:01 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस जैसे संकटकाल में भी अधिकतर कारोबारियों ने बड़ी तत्परता से काम लिया. वैश्विक वित्तीय इकाई एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के अच्छे-खासे असर के बावजूद कई भारतीय कारोबार सामान्य तरीके से काम कर रहे हैं, वहीं भविष्य के लिए उन्होंने आकस्मिक योजनाएं भी बनायी है.

एचएसबीसी 'बिल्डिंग बैक बैटर' रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल करीब 46 प्रतिशत भारतीय कारोबारों ने माना कि कोरोना वायरस महामारी का उन पर 'गहरा बुरा असर' हुआ है. वहीं 54 प्रतिशत का मानना है कि वह इस तरह के संकट के लिए उतने ही अच्छे तरीके से तैयार थे जितना हो सकते थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कारोबारों का यह लचीलापन विश्व में दूसरे स्थान पर है. वहीं 54 प्रतिशत का यह आंकड़ा सर्वेक्षण में शामिल विभिन्न बाजारों के औसत 45 प्रतिशत अधिक है.

एचएसबीसी ने दुनिया के 14 प्रमुख बाजारों में करीब 2,600 कंपनियों के बीच यह सर्वेक्षण किया. इसमें भारत की 200 प्रमुख कंपनियां शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: भारत में 6 अगस्त को शुरू होगा अमेजन प्राइम डे

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के काफी नकारात्मक असर का सामना करने के बावजूद करीब 29 प्रतिशत कंपनियों ने माना कि वह सामान्य दिनों की तरह ही परिचालन कर रहे हैं.

इस तरह का भरोसा रखने वालों में भी दुनिया के अन्य बाजारों में भारत का स्थान दूसरा है. केवल चीन इन मामलों में पहले स्थान पर है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस जैसे संकटकाल में भी अधिकतर कारोबारियों ने बड़ी तत्परता से काम लिया. वैश्विक वित्तीय इकाई एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के अच्छे-खासे असर के बावजूद कई भारतीय कारोबार सामान्य तरीके से काम कर रहे हैं, वहीं भविष्य के लिए उन्होंने आकस्मिक योजनाएं भी बनायी है.

एचएसबीसी 'बिल्डिंग बैक बैटर' रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल करीब 46 प्रतिशत भारतीय कारोबारों ने माना कि कोरोना वायरस महामारी का उन पर 'गहरा बुरा असर' हुआ है. वहीं 54 प्रतिशत का मानना है कि वह इस तरह के संकट के लिए उतने ही अच्छे तरीके से तैयार थे जितना हो सकते थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कारोबारों का यह लचीलापन विश्व में दूसरे स्थान पर है. वहीं 54 प्रतिशत का यह आंकड़ा सर्वेक्षण में शामिल विभिन्न बाजारों के औसत 45 प्रतिशत अधिक है.

एचएसबीसी ने दुनिया के 14 प्रमुख बाजारों में करीब 2,600 कंपनियों के बीच यह सर्वेक्षण किया. इसमें भारत की 200 प्रमुख कंपनियां शामिल हैं.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के काफी नकारात्मक असर का सामना करने के बावजूद करीब 29 प्रतिशत कंपनियों ने माना कि वह सामान्य दिनों की तरह ही परिचालन कर रहे हैं.

इस तरह का भरोसा रखने वालों में भी दुनिया के अन्य बाजारों में भारत का स्थान दूसरा है. केवल चीन इन मामलों में पहले स्थान पर है.

(पीटीआई-भाषा)

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