नई दिल्ली: भारत अगले दशक 2019-28 में सबसे तीव्र गति से आर्थिक वृद्धि करने वाला देश बना रहेगा और चीन से कहीं आगे होगा. वैश्विक आर्थिक शोध रिपोर्ट में यह कहा गया है.
वैश्विक स्तर पर अनुमान और आंकड़ों के विश्लेषण का कार्य करने वालेसंस्थान आक्सफोर्ड ईकोनोमिक्स द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार भारत 2019-28 के दौरान औसतन 6.5 प्रतिशत वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है. यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है. 'एमर्जिंग मार्केट्स सस्टेन्ड ग्रोथ इन ईएम काल्स फार थ्रिफ्ट एंड इनोवेशन' शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक वृद्धि के मामले में भारत के बाद फिलीपीन (5.3 प्रतिशत) तथा इंडोनेशिया (5.1 प्रतिशत) का स्थान रहेगा.
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चीन के इस मामले में चौथे स्थान पर रहने का अनुमान है. उसकी आर्थिक वृद्धि दर अगले दशक (2019-28) में औसतन 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इस रिपोर्ट को अर्थशास्त्री लुइस कुज्स ने तैयार की है. रिपोर्ट के अनुसार सतत तीव्र वृद्धि दर हासिल करने वाले उभरते बाजारों को दो चीजें अलग करती हैं. पहला, तीव्र पूंजी संचय मुख्य रूप से घरेलू वित्त पोषित तथा साधन उत्पादक में मजबूत वृद्धि.
इसमें कहा गया है कि आने वाले दशकों में सतत तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिये उभरते बाजारों (ईएम) को ठोस बचत की जरूरत होगी. रिपोर्ट के अनुसार मध्यम आय वाली श्रेणी में फंसने से बचने के लिये उच्च मध्यम आय वाले देशों को विशेष रूप प्रौद्योगिकी के मामले में आगे बढ़ने की जरूरत है.
साथ ही उन्हें कंपनियों तथा अन्य की नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास में भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सतत तीव्र आर्थिक वृद्धि दर के लिये बचत की जरूरत है. साथ ही इसमें विशेष रूप से मध्यम आय वाले देशों के लिये नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास के जरिये साधन उत्पादन वृद्धि पर जोर दिया गया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार भारत की वृद्धि दर 2019 में 7.5 प्रतिशत तथा 2020 में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. वहीं चीन की आर्थिक वृद्धि दर दोनों वर्ष के दौरान 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.
(भाषा)