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कारोबार प्रतिस्पर्धिता के मामले में 43वें स्थान पर पहुंचा भारत

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Published : May 29, 2019, 3:59 PM IST

आईएमडी विश्व प्रतिस्पर्धिता रैंकिंग के अनुसार, पिछले साल भारत 44वें और सिंगापुर तीसरे स्थान पर था. पिछले साल शीर्ष पर रहा अमेरिका इस बार तीसरे स्थान पर आ गया. दूसरे स्थान पर हांगकांग रहा.

कारोबार प्रतिस्पर्धिता के मामले में 43वें स्थान पर पहुंचा भारत

नई दिल्ली: भारत ने कारोबार प्रतिस्पर्धा के मामले में एक स्थान की छलांग लगाई और 43वें स्थान पर पहुंच गया. सिंगापुर ने अमेरिका को पछाड़ पहले स्थान पर कब्जा कर लिया. एक वैश्विक अध्ययन में इसकी जानकारी मिली है.

आईएमडी विश्व प्रतिस्पर्धिता रैंकिंग के अनुसार, पिछले साल भारत 44वें और सिंगापुर तीसरे स्थान पर था. पिछले साल शीर्ष पर रहा अमेरिका इस बार तीसरे स्थान पर आ गया. दूसरे स्थान पर हांगकांग रहा.

ये भी पढ़ें- पंद्रह साल में पहली बार अमेरिका जाने वाले चीन के पर्यटकों की संख्या घटी

अर्थशास्त्री प्रतिस्पर्धा को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक स्थिति के लिये काफी महत्वपूर्ण मानते हैं. इससे कंपनियों को टिकाऊ वृद्धि हासिल करने, रोजगार के अवसर सृजित करने तथा अंतत: नागरिकों के कल्याण को विस्तृत करने में मदद मिलती है.

अध्ययन में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र विश्व का अगुवा बनकर उभरा है. इस क्षेत्र की 14 में से 11 अर्थव्यवस्थाएं या तो सुधर रही हैं या पुरानी स्थिति पर टिकी हुई हैं.

इस अध्ययन के अनुसार, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेज वृद्धि, कंपनी कानून में सुधार तथा शिक्षा पर खर्च बढ़ने के कारण भारत प्रतिस्पर्धिता में रैंकिंग सुधारने में सफल हुआ हैं. इससे पहले भारत 2017 में 45वें तथा 2016 में 41वें स्थान पर था.

नई दिल्ली: भारत ने कारोबार प्रतिस्पर्धा के मामले में एक स्थान की छलांग लगाई और 43वें स्थान पर पहुंच गया. सिंगापुर ने अमेरिका को पछाड़ पहले स्थान पर कब्जा कर लिया. एक वैश्विक अध्ययन में इसकी जानकारी मिली है.

आईएमडी विश्व प्रतिस्पर्धिता रैंकिंग के अनुसार, पिछले साल भारत 44वें और सिंगापुर तीसरे स्थान पर था. पिछले साल शीर्ष पर रहा अमेरिका इस बार तीसरे स्थान पर आ गया. दूसरे स्थान पर हांगकांग रहा.

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अर्थशास्त्री प्रतिस्पर्धा को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक स्थिति के लिये काफी महत्वपूर्ण मानते हैं. इससे कंपनियों को टिकाऊ वृद्धि हासिल करने, रोजगार के अवसर सृजित करने तथा अंतत: नागरिकों के कल्याण को विस्तृत करने में मदद मिलती है.

अध्ययन में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र विश्व का अगुवा बनकर उभरा है. इस क्षेत्र की 14 में से 11 अर्थव्यवस्थाएं या तो सुधर रही हैं या पुरानी स्थिति पर टिकी हुई हैं.

इस अध्ययन के अनुसार, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेज वृद्धि, कंपनी कानून में सुधार तथा शिक्षा पर खर्च बढ़ने के कारण भारत प्रतिस्पर्धिता में रैंकिंग सुधारने में सफल हुआ हैं. इससे पहले भारत 2017 में 45वें तथा 2016 में 41वें स्थान पर था.

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कारोबार प्रतिस्पर्धिता के मामले में 43वें स्थान पर पहुंचा भारत

नई दिल्ली: भारत ने कारोबार प्रतिस्पर्धा के मामले में एक स्थान की छलांग लगाई और 43वें स्थान पर पहुंच गया. सिंगापुर ने अमेरिका को पछाड़ पहले स्थान पर कब्जा कर लिया. एक वैश्विक अध्ययन में इसकी जानकारी मिली है.

आईएमडी विश्व प्रतिस्पर्धिता रैंकिंग के अनुसार, पिछले साल भारत 44वें और सिंगापुर तीसरे स्थान पर था. पिछले साल शीर्ष पर रहा अमेरिका इस बार तीसरे स्थान पर आ गया. दूसरे स्थान पर हांगकांग रहा.

अर्थशास्त्री प्रतिस्पर्धा को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक स्थिति के लिये काफी महत्वपूर्ण मानते हैं. इससे कंपनियों को टिकाऊ वृद्धि हासिल करने, रोजगार के अवसर सृजित करने तथा अंतत: नागरिकों के कल्याण को विस्तृत करने में मदद मिलती है.

अध्ययन में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र विश्व का अगुवा बनकर उभरा है. इस क्षेत्र की 14 में से 11 अर्थव्यवस्थाएं या तो सुधर रही हैं या पुरानी स्थिति पर टिकी हुई हैं.

इस अध्ययन के अनुसार, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेज वृद्धि, कंपनी कानून में सुधार तथा शिक्षा पर खर्च बढ़ने के कारण भारत प्रतिस्पर्धिता में रैंकिंग सुधारने में सफल हुआ हैं. इससे पहले भारत 2017 में 45वें तथा 2016 में 41वें स्थान पर था. 


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