नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में क्रांति के बिना देश 9-10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल नहीं कर सकता है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को यह बात कही. महिन्द्रा समृद्धि कृषि पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है.
इसके साथ ही इसमें नई प्रौद्योगिकी और बाजार सुधारों को आगे बढ़ाने की भी आवश्यकता है. कांत ने कृषि उत्पाद विपणन समिति और आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून जैसे कुछ पुराने कानूनों जिनसे कृषि उत्पादों के आवागमन में बाधा खड़ी होती है, को भी समाप्त करने पर जोर दिया.
ये भी पढ़ें-जीएसटी परिषद की बैठक में रीयल एस्टेट क्षेत्र की कम की गई दरों के क्रियान्वयन पर होगा विचार
हालांकि, उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और केन्द्र सरकार की इस मामले में सीमित भूमिका है. कांत ने कहा, "भारत में हमारी 50 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. यदि भारत को अगले 30 साल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9 से 10 प्रतिशत वृद्धि हासिल करनी है तो यह कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए बिना नहीं हो सकता है."
उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिये कृषि उत्पादों के विपणन में बिचौलियों को समाप्त करने पर भी जोर दिया. कांत ने हालांकि विश्वास व्यक्त किया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी. उन्होंने कहा कि देशभर में खेती के बेहतर तौर तरीकों और किसानों की सफलता की कहानियों को बताने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में दूसरी क्रांति बेहतर प्रौद्योगिकी और विपणन से आयेगी. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने इस अवसर पर कहा किसानों की प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता है और इसे हम इस सालाना पुरस्कार के जरिये पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं.
(भाषा)
कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए बिना 9 से 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल नहीं की जा सकती: कांत
कांत ने कृषि उत्पाद विपणन समिति और आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून जैसे कुछ पुराने कानूनों जिनसे कृषि उत्पादों के आवागमन में बाधा खड़ी होती है, को भी समाप्त करने पर जोर दिया.
नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में क्रांति के बिना देश 9-10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल नहीं कर सकता है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को यह बात कही. महिन्द्रा समृद्धि कृषि पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है.
इसके साथ ही इसमें नई प्रौद्योगिकी और बाजार सुधारों को आगे बढ़ाने की भी आवश्यकता है. कांत ने कृषि उत्पाद विपणन समिति और आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून जैसे कुछ पुराने कानूनों जिनसे कृषि उत्पादों के आवागमन में बाधा खड़ी होती है, को भी समाप्त करने पर जोर दिया.
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हालांकि, उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और केन्द्र सरकार की इस मामले में सीमित भूमिका है. कांत ने कहा, "भारत में हमारी 50 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. यदि भारत को अगले 30 साल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9 से 10 प्रतिशत वृद्धि हासिल करनी है तो यह कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए बिना नहीं हो सकता है."
उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिये कृषि उत्पादों के विपणन में बिचौलियों को समाप्त करने पर भी जोर दिया. कांत ने हालांकि विश्वास व्यक्त किया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी. उन्होंने कहा कि देशभर में खेती के बेहतर तौर तरीकों और किसानों की सफलता की कहानियों को बताने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में दूसरी क्रांति बेहतर प्रौद्योगिकी और विपणन से आयेगी. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने इस अवसर पर कहा किसानों की प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता है और इसे हम इस सालाना पुरस्कार के जरिये पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं.
(भाषा)
कृषि क्षेत्र में क्रांति लाये बिना 9 से 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल नहीं की जा सकती: कांत
नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में क्रांति के बिना देश 9-10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल नहीं कर सकता है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को यह बात कही. महिन्द्रा समृद्धि कृषि पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है.
इसके साथ ही इसमें नई प्रौद्योगिकी और बाजार सुधारों को आगे बढ़ाने की भी आवश्यकता है. कांत ने कृषि उत्पाद विपणन समिति और आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून जैसे कुछ पुराने कानूनों जिनसे कृषि उत्पादों के आवागमन में बाधा खड़ी होती है, को भी समाप्त करने पर जोर दिया.
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हालांकि, उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और केन्द्र सरकार की इस मामले में सीमित भूमिका है. कांत ने कहा, "भारत में हमारी 50 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. यदि भारत को अगले 30 साल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9 से 10 प्रतिशत वृद्धि हासिल करनी है तो यह कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए बिना नहीं हो सकता है."
उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिये कृषि उत्पादों के विपणन में बिचौलियों को समाप्त करने पर भी जोर दिया. कांत ने हालांकि विश्वास व्यक्त किया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी. उन्होंने कहा कि देशभर में खेती के बेहतर तौर तरीकों और किसानों की सफलता की कहानियों को बताने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में दूसरी क्रांति बेहतर प्रौद्योगिकी और विपणन से आयेगी. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने इस अवसर पर कहा किसानों की प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता है और इसे हम इस सालाना पुरस्कार के जरिये पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं.
(भाषा)
Conclusion: