नई दिल्ली: आईएलएंडएफएस ने पिछले 4 सालों के एनपीए (फंसे हुए कर्जे) का खुलासा नहीं किया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
यह रिपोर्ट आईएलएंडएफएस और आईएफआईएन की जांच पर आधारित है और यह आईएलएंडएफएस के नए बोर्ड द्वारा एनसीएलटी को अवगत कराया गया है.
आईएलएंडएफएस की 5वीं प्रगति रिपोर्ट में आरबीआई जांच के हवाले से कहा गया, "परिसंपत्तियों के वर्गीकरण और प्रावधानों की जो रिपोर्ट की गई और मूल्यांकन में निकल कर आया, उनके बीच व्यापक अंतर देखा गया है."
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इसके अलावा, आईएलएंडएफएस और आरबीआई की रिपोर्ट में आईएलएंडएफएस के पिछले बोर्ड द्वारा आईएलएंडएफएस और उसके समूह की कंपनियों में किए गए कुप्रबंधन और चूकों की जानकारी भी दी गई है.
एसएफआईओ द्वारा नवंबर 2018 में दाखिल अंतरिम रिपोर्ट के अलावा, आईएलएंडएफएस के ऑडिट पैनल ने इस साल जनवरी में आईएलएंडएफएस और समूह की कंपनियों के सभी उच्च मूल्य के लेन-देन का विशेष ऑडिट करने के लिए ग्रांट और थॉर्नटन इंडिया एलएलपी को नियुक्त किया. इसमें आईएलएंडएफएस फाइनेंसियल सर्विसेज की विशेष ऑडिट भी शामिल है.