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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को हरसंभव प्रयास कर रही है सरकार: अमिताभ कांत

आर्थिक वृद्धि दर को पटरी पर लाने के लिए रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है जबकि सरकार ने तीन अलग-अलग चरणों में उपाय किए हैं. उन्हों ने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.

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Published : Sep 18, 2019, 8:01 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:47 AM IST

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को हरसंभव प्रयास कर रही है सरकार: अमिताभ कांत

नई दिल्ली: सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और ऊंची आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को यह बात कही.

अमिताभ कांत ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा, "यदि आप पिछले पांच सालों को देखेंगे तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर औसतन करीब 7.5 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर गिरकर 5 प्रतिशत पर आ गई है. सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों इस दिशा में सक्रिय हैं."

ये भी पढ़ें- देश की अर्थव्‍यवस्‍था में आर्थिक मंदी नहीं बल्कि 'सुस्ती' है: रंगराजन

उन्होंने कहा, "हमें यह सोचने की जरूरत है कि ऊंची आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए हमें किस तरह के नवाचार की आवश्यकता है."

आर्थिक वृद्धि दर को पटरी पर लाने के लिए रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है जबकि सरकार ने तीन अलग-अलग चरणों में उपाय किए हैं. उन्हों ने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, "सरकार सक्रिय है, भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक मजबूत हैं और हम भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर ले जाने के लिए जरूरी कदम उठाना जारी रखेंगे."

अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने के साथ-साथ विनिवेश भी अधिक होगा.

उन्होंने कहा कि खनन और कोयला क्षेत्र में और अधिक सुधारों की जरूरत होगी.

नई दिल्ली: सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और ऊंची आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को यह बात कही.

अमिताभ कांत ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा, "यदि आप पिछले पांच सालों को देखेंगे तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर औसतन करीब 7.5 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर गिरकर 5 प्रतिशत पर आ गई है. सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों इस दिशा में सक्रिय हैं."

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उन्होंने कहा, "हमें यह सोचने की जरूरत है कि ऊंची आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए हमें किस तरह के नवाचार की आवश्यकता है."

आर्थिक वृद्धि दर को पटरी पर लाने के लिए रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है जबकि सरकार ने तीन अलग-अलग चरणों में उपाय किए हैं. उन्हों ने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, "सरकार सक्रिय है, भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक मजबूत हैं और हम भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर ले जाने के लिए जरूरी कदम उठाना जारी रखेंगे."

अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने के साथ-साथ विनिवेश भी अधिक होगा.

उन्होंने कहा कि खनन और कोयला क्षेत्र में और अधिक सुधारों की जरूरत होगी.

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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को हरसंभव प्रयास कर रही है सरकार: अमिताभ कांत

नई दिल्ली: सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और ऊंची आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को यह बात कही.

अमिताभ कांत ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा, "यदि आप पिछले पांच सालों को देखेंगे तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर औसतन करीब 7.5 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर गिरकर 5 प्रतिशत पर आ गई है. सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों इस दिशा में सक्रिय हैं."

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उन्होंने कहा, "हमें यह सोचने की जरूरत है कि ऊंची आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए हमें किस तरह के नवाचार की आवश्यकता है."

आर्थिक वृद्धि दर को पटरी पर लाने के लिए रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है जबकि सरकार ने तीन अलग-अलग चरणों में उपाय किए हैं. उन्हों ने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, "सरकार सक्रिय है, भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक मजबूत हैं और हम भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर ले जाने के लिए जरूरी कदम उठाना जारी रखेंगे."

अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने के साथ-साथ विनिवेश भी अधिक होगा.

उन्होंने कहा कि खनन और कोयला क्षेत्र में और अधिक सुधारों की जरूरत होगी.


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Last Updated : Oct 1, 2019, 2:47 AM IST

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