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आभूषण निर्यात इस वित्त वर्ष में पांच से 10 प्रतिशत कम रहने का अनुमान: जीजेईपीसी

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Published : Oct 17, 2019, 9:41 PM IST

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष कोलिन शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल से सितंबर की अवधि में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले निर्यात में 5.70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इस दौरान निर्यात 1,40,158.83 करोड़ रुपये से घटकर 1,32,170.32 करोड़ रुपये रह गया.

आभूषण निर्यात इस वित्त वर्ष में पांच से 10 प्रतिशत कम रहने का अनुमान: जीजेईपीसी

मुंबई: रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में रत्न और आभूषण निर्यात में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है. इस गिरावट का कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, हांगकांग में विरोध प्रदर्शन और पश्चिम एशिया में मूल्यवर्धित कर (वैट) को लागू किया जाना है.

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष कोलिन शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल से सितंबर की अवधि में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले निर्यात में 5.70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इस दौरान निर्यात 1,40,158.83 करोड़ रुपये से घटकर 1,32,170.32 करोड़ रुपये रह गया.

अमेरिकी बाजार से कमजोर मांग तथा अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के कारण निर्यात प्रभावित हुआ है. शाह ने कहा कि हांगकांग में चल रहे विरोध प्रदर्शन तथा जनवरी 2018 से मूल्य वर्धित कर (वैट) के लागू होने के बाद पश्चिम एशिया में मंदी के कारण रत्न और आभूषण निर्यात प्रभावित हुआ है.

ये भी पढ़ें: उज्ज्वला योजना से पूर्वोत्तर को मिला तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश: अधिकारी

उन्होंने कहा, इन रुझानों को देखते हुए वर्ष 2018-19 के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में कुल रत्नऔर आभूषण निर्यात में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2019 के दौरान कुल रत्नों और आभूषणों का निर्यात 7.43 प्रतिशत घटकर 23,788.01 करोड़ रुपये का रह गया जो वर्ष 2018 के इसी महीने में 25,698.6 करोड़ रुपये का हुआ था.

सितंबर के दौरान तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात 18.87 प्रतिशत घटकर 13,874 करोड़ रुपये रह गया जो सितंबर 2018 में 17,101.45 करोड़ रुपये का हुआ था.

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा स्थापित, जीजेईपीसी रत्न एवं आभूषण उद्योग की अग्रणी निकाय है जो इस क्षेत्र के करीब 6,000 से अधिक निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करता है.

मुंबई: रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में रत्न और आभूषण निर्यात में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है. इस गिरावट का कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, हांगकांग में विरोध प्रदर्शन और पश्चिम एशिया में मूल्यवर्धित कर (वैट) को लागू किया जाना है.

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष कोलिन शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल से सितंबर की अवधि में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले निर्यात में 5.70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इस दौरान निर्यात 1,40,158.83 करोड़ रुपये से घटकर 1,32,170.32 करोड़ रुपये रह गया.

अमेरिकी बाजार से कमजोर मांग तथा अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के कारण निर्यात प्रभावित हुआ है. शाह ने कहा कि हांगकांग में चल रहे विरोध प्रदर्शन तथा जनवरी 2018 से मूल्य वर्धित कर (वैट) के लागू होने के बाद पश्चिम एशिया में मंदी के कारण रत्न और आभूषण निर्यात प्रभावित हुआ है.

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उन्होंने कहा, इन रुझानों को देखते हुए वर्ष 2018-19 के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में कुल रत्नऔर आभूषण निर्यात में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2019 के दौरान कुल रत्नों और आभूषणों का निर्यात 7.43 प्रतिशत घटकर 23,788.01 करोड़ रुपये का रह गया जो वर्ष 2018 के इसी महीने में 25,698.6 करोड़ रुपये का हुआ था.

सितंबर के दौरान तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात 18.87 प्रतिशत घटकर 13,874 करोड़ रुपये रह गया जो सितंबर 2018 में 17,101.45 करोड़ रुपये का हुआ था.

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा स्थापित, जीजेईपीसी रत्न एवं आभूषण उद्योग की अग्रणी निकाय है जो इस क्षेत्र के करीब 6,000 से अधिक निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करता है.

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मुंबई: रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में रत्न और आभूषण निर्यात में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है. इस गिरावट का कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, हांगकांग में विरोध प्रदर्शन और पश्चिम एशिया में मूल्यवर्धित कर (वैट) को लागू किया जाना है.

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष कोलिन शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल से सितंबर की अवधि में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले निर्यात में 5.70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इस दौरान निर्यात 1,40,158.83 करोड़ रुपये से घटकर 1,32,170.32 करोड़ रुपये रह गया.

अमेरिकी बाजार से कमजोर मांग तथा अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के कारण निर्यात प्रभावित हुआ है. शाह ने कहा कि हांगकांग में चल रहे विरोध प्रदर्शन तथा जनवरी 2018 से मूल्य वर्धित कर (वैट) के लागू होने के बाद पश्चिम एशिया में मंदी के कारण रत्न और आभूषण निर्यात प्रभावित हुआ है.

उन्होंने कहा, इन रुझानों को देखते हुए वर्ष 2018-19 के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में कुल रत्नऔर आभूषण निर्यात में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2019 के दौरान कुल रत्नों और आभूषणों का निर्यात 7.43 प्रतिशत घटकर 23,788.01 करोड़ रुपये का रह गया जो वर्ष 2018 के इसी महीने में 25,698.6 करोड़ रुपये का हुआ था.

सितंबर के दौरान तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात 18.87 प्रतिशत घटकर 13,874 करोड़ रुपये रह गया जो सितंबर 2018 में 17,101.45 करोड़ रुपये का हुआ था.

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा स्थापित, जीजेईपीसी रत्न एवं आभूषण उद्योग की अग्रणी निकाय है जो इस क्षेत्र के करीब 6,000 से अधिक निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करता है.

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