चेन्नई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्तीय स्थिरिता एक सार्वजनिक चीज है और सभी अंशधारकों को इसके जुझारूपन और मजबूती का संरक्षण और देखभाल करने की जरूरत है.
दास ने शनिवार को वर्चुअल मंच से 39वें नानी पालकीवाला स्मृति व्याख्यान में कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपने नीतिगत प्रयासों को एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय भुगतान ढांचे को खड़ा करने में लगाया है. इससे एक सुरक्षित, प्रभावी और लागत-दक्ष मजबूत भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो सका है.
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऐसा अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है जिससे विनियमन वाली इकाइयां इन नए अवसरों का दोहन करने को तैयार हो सकें और साथ ही वित्तीय स्थिरता को कायम और संरक्षित भी रख सकें.
ये भी पढ़ें : दिसंबर में निर्यात मामूली बढ़कर 27.15 अरब डॉलर पर, व्यापार घाटा 15.44 अरब डॉलर पर
गवर्नर ने कहा कि इन इकाइयों को अपनी तरफ से उभरते जोखिमों की पहचान के लिए अपने 'आंतरिक रक्षा तंत्र' को मजबूत करना होगा और इनका प्रभावी तरीके से प्रबंधन करना होगा.
उन्होंने कहा, "वित्तीय स्थिरता के जुझारूपन ओर मजबूती को सभी अंशधारकों को सरंक्षित करना होगा. हमें आर्थिक पुनरोद्धार और वृद्धि को समर्थन देना होगा. हमें वित्तीय स्थिरता का संरक्षण करना होगा."