मुंबई: कोविड-19 संकट की वजह से 2020 की दूसरी छमाही में सोने की उपभोक्ता मांग कमजोर रहेगी. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महामारी की वजह से कारोबार और आमदनी पर बुरा असर पड़ा है, जिससे सोने की मांग प्रभावित होगी.
हालांकि, इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को समर्थन के लिए घोषित वित्तीय पैकेज और मानूसन अच्छा रहने पर कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव का असर कुछ कम हो सकता है.
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट 'सोना मध्यावधि परिदृश्य 2020: सुधार के रास्ते और प्रदर्शन' रिपोर्ट में कहा गया है, "आर्थिक गतिविधियां सीमित रहने, बेरोजगारी बढ़ने की चिंता और आय में गिरावट से दूसरी छमाही में सोने की उपभोक्ता मांग कमजोर रहेगी. हालांकि, सरकार की ओर से अतिरिक्त आर्थिक पैकेज और मानसून बेहतर रहने से इसका नकारात्मक प्रभाव कुछ सिमट सकता है."
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत के 11 साल के निचले स्तर पर आ गई.
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अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल की पहली छमाही में कुल मिलाकर ब्याज दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती की. इसके अलावा सरकार ने अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए 21 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की.
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक, भारत सोमसुंदरम पीआर ने पीटीआई-भाषा से कहा, "अर्थव्यवस्था में गिरावट से जहां आभूषण के रूप में सोने की मांग घटेगी, वहीं आर्थिक बदलाव की तुलना में प्रौद्योगिकी या दीर्घावधि की बचत और उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन का प्रभाव अधिक रहेगा."
(पीटीआई-भाषा)