नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को एक बार फिर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक साथ कई ट्वीट करते हुए सरकार के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी जमकर आलोचना की.
चिदंबरम ने ट्वीट किया, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि मांग बुरी तरह से प्रभावित है, वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर नकारात्मक रह सकती है. फिर क्यों वह अर्थव्यवस्था में और पूंजी डाल रहे हैं? उन्हें सरकार से खुलकर कह देना चाहिए कि अपनी ड्यूटी करें, राजकोषीय उपाय करें.
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गवर्नर@DasShaktikanta कहते हैं कि मांग में गिरावट आई है, 2020-21 में विकास नकारात्मक क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। फिर वो अधिक तरलता को क्यों प्रभावित कर रहे हैं?
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उन्हें सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि "अपना काम करो, राजकोषीय उपाय करो"
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— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 23, 2020
उन्हें सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि "अपना काम करो, राजकोषीय उपाय करो"
चिदंबरम ने अपने अगले ट्वीट में कहा, रिजर्व बैंक के बयान के बाद भी प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक ऐसे पैकेज के लिए खुद ही प्रशंसा कर रहे हैं, जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के एक प्रतिशत से भी कम का राजकोषीय प्रोत्साहन है. आरएसएस को शर्म आनी चाहिए कि कैसे सरकार ने अर्थव्यवस्था को नकारात्मक वृद्धि दर की ओर धकेल दिया है.
उनकी यह टिप्पणी आरबीआई द्वारा शुक्रवार को रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट व ब्याज दर में कटौती की घोषणा के एक दिन बाद आई है. आरबीआई ने माना कि कोविड-19 महामारी देश के लिए गंभीर खतरा है और 40 साल में पहली बार आर्थिक संकुचन की स्थिति देखने को मिलेगी.
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कोरोनावायरस से चल रही जंग के बीच आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट को घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को अनुमान जताते हुए कहा था कि 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि दर निगेटिव में जा सकती है.
(आईएएनएस)