नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2019-20 के पूर्ण बजट में सार्वजनिक बैंकों के विलय समेत बैंकिंग सुधारों की रूपरेखा प्रस्तुत की जा सकती है. यह देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बैंकिंग क्षेत्र की अहम भूमिका निभाने योग्य बनाने के लिये किया जाएगा. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश करने वाली हैं. यह बजट ऐसे समय में पेश होगा जब देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2018-19 में पांच साल के निचले स्तर 5.80 प्रतिशत पर आ गयी है.
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सूत्रों ने कहा कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को पुन: रफ्तार देने में बैंकिंग क्षेत्र की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के बजट भाषण में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की रूपरेखा शामिल हो सकती है.
उन्होंने कहा कि पिछले साल बैंकिंग क्षेत्र में सरकारी बैंकों के विलय की शुरुआत हुई. इस बजट में बैंकों के विलय की आगे की दिशा की जानकारी दी जा सकती है.
सूत्रों ने कहा कि बड़े बैंक में छोटे बैंकों के विलय की यात्रा आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हो सकते हैं. कुछ पूंजीगत समर्थन के बाद ये बैंक छोटे बैंकों का विलय करने योग्य हो जाएंगे.