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बजट पर विशेषज्ञ : अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने बजट को 100 में दिए 65 नंबर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच इस साल का बजट पेश किया. आम बजट 2022 में कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं दिए गए हैं. टैक्स स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसके अलावा रेल, डिफेंस और कृषि क्षेत्र के लिए कई दूरदर्शी घोषणाएं की गई हैं. विदेश मामलों के संबंध में भी वित्त मंत्रालय ने कई घोषणाएं की हैं. आर्थिक मामलों के जानकार ने इस बजट को 100 में 65 नंबर दिए हैं. पढ़िए ईटीवी भारत संवाददाता सौरभ शर्मा की रिपोर्ट

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Published : Feb 1, 2022, 8:24 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट 2022 पेश किया. संसद में बजट पेश किए जाने के बाद अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने इसे एक दीर्घकालिक, दूरदर्शी और विकास-उन्मुख बजट करार दिया. उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट को वे 100 में से 65 नंबर देंगे. उन्होंने कहा कि आम बजट में बुनियादी ढांचे को बहुत बढ़ावा दिया गया है. इससे मध्यम वर्ग के लिए रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की संभावना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए, आज का बजट व्यावहारिक लगता है. रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा, सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया है कि गरीब तबके के लिए घरों का निर्माण किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि नागरिकों के हितों के दृष्टिकोण से लंबी अवधि में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट व्यावहारिक है. जिंदल ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई है. इससे न केवल मध्यम वर्ग को यात्रा के क्षेत्र में लाभ होगा बल्कि इससे कॉर्पोरेट क्षेत्र का भी समग्र विकास होगा. इससे रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है. अंततः इससे मध्यम वर्ग लाभान्वित होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या इस बजट से मध्यम वर्ग, गरीब तबके और कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी, जिंदल ने कहा कि लोगों से एक उम्मीद थी कि बजट 2022 में टैक्स कटौती की जाएगी. ऐसे प्रावधान नहीं किए गए हैं. इसके पीछे का तर्क बताते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि कोविड-19 से पैदा हुई स्थिति के कारण सरकार के पास सीमित संसाधन हैं. उन सीमित संसाधनों के भीतर सरकार ने प्रबंधन का अच्छा प्रयास किया है.

उन्होंने कहा कि चूंकि यह बजट घाटे का था, सरकार ने व्यावहारिक बजट पेश किया है. यह पूछे जाने पर कि उनके अनुसार इस बजट से प्रमुख लाभ क्या हैं, जिंदल ने कहा, 5जी सेवाएं शुरू की जाएंगी, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी अवशोषण पर एक बड़ा आवंटन किया गया है, गांवों पर, किसानों पर पूंजी खर्च की जा रही है. इसलिए यह दीर्घकालिक, दूरदर्शी और विकासोन्मुखी बजट है.

चूंकि भारतीय बाजार लंबे समय के बाद पुनर्जीवित हो रहे हैं, लोगों को उम्मीद थी कि बजट बाजार को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रस्ताव करेगा. इस संबंध में जिंदल ने कहा, कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं दिया जा रहा है. यही कारण है कि शेयर बाजार में गिरावट देखी गई. उन्होंने कहा, बजट 2022 में नई ट्रेनों का प्रस्ताव किया गया है. इससे जनता की गतिशीलता बढ़ेगी. बुनियादी ढांचे पर बड़े निवेश से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को भी गति मिलेगी.

विदेश मंत्रालय के लिए पैसों का आवंटन
विदेश मंत्रालय को आवंटन के संदर्भ में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट बेहतर दिखता है. बजट बढ़ाकर 17,250 करोड़ रुपये किया गया है. वित्त वर्ष 2021-22 (संशोधित) में यह 16,000 करोड़ रुपये था. पिछले साल अफगानिस्तान और अन्य देशों को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.

गौरतलब है कि युद्धग्रस्त राष्ट्र अफगानिस्तान में आर्थिक पतन को रोकने के लिए भारत की ओर से प्रयास किया जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में अफगानिस्तान को 200 करोड़ रुपये आवंटित (allocated Rs 200 crore to Afghanistan) किए. मौजूदा वित्तीय वर्ष में अफगानिस्तान के संदर्भ में 350 आवंटित करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

बता दें कि भारत पहले ही अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता के तीन शिपमेंट की आपूर्ति कर चुका है. उम्मीद की जा रही है कि फरवरी के महीने में ही भारत गेहूं की बहुप्रतीक्षित सहायता भेजेगा. गौरतलब है कि गेहूं भेजने के लिए भारत पाकिस्तान के भूभाग का प्रयोग करता है, इसके लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच औपचारिक संवाद हुआ है.

पढ़ें- budget 2022 : पत्रकार ने पूछा, महंगाई-रोजगार पर गोलमोल जवाब क्यों ? सुनिए वित्त मंत्री का जवाब

बता दें कि पाकिस्तान को भारत से भेजे गए गेहूं के शिपमेंट को रोकने के कारण दुनिया भर से आलोचना का सामना करना पड़ा था. बता दें कि 15 अगस्त 2021 को अशरफ गनी सरकार के पतन और अफगानिस्तान में तालिबान के उदय के बाद के दशकों में अफगानिस्तान सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट 2022 पेश किया. संसद में बजट पेश किए जाने के बाद अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने इसे एक दीर्घकालिक, दूरदर्शी और विकास-उन्मुख बजट करार दिया. उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट को वे 100 में से 65 नंबर देंगे. उन्होंने कहा कि आम बजट में बुनियादी ढांचे को बहुत बढ़ावा दिया गया है. इससे मध्यम वर्ग के लिए रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की संभावना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए, आज का बजट व्यावहारिक लगता है. रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा, सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया है कि गरीब तबके के लिए घरों का निर्माण किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि नागरिकों के हितों के दृष्टिकोण से लंबी अवधि में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट व्यावहारिक है. जिंदल ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई है. इससे न केवल मध्यम वर्ग को यात्रा के क्षेत्र में लाभ होगा बल्कि इससे कॉर्पोरेट क्षेत्र का भी समग्र विकास होगा. इससे रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है. अंततः इससे मध्यम वर्ग लाभान्वित होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या इस बजट से मध्यम वर्ग, गरीब तबके और कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी, जिंदल ने कहा कि लोगों से एक उम्मीद थी कि बजट 2022 में टैक्स कटौती की जाएगी. ऐसे प्रावधान नहीं किए गए हैं. इसके पीछे का तर्क बताते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि कोविड-19 से पैदा हुई स्थिति के कारण सरकार के पास सीमित संसाधन हैं. उन सीमित संसाधनों के भीतर सरकार ने प्रबंधन का अच्छा प्रयास किया है.

उन्होंने कहा कि चूंकि यह बजट घाटे का था, सरकार ने व्यावहारिक बजट पेश किया है. यह पूछे जाने पर कि उनके अनुसार इस बजट से प्रमुख लाभ क्या हैं, जिंदल ने कहा, 5जी सेवाएं शुरू की जाएंगी, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी अवशोषण पर एक बड़ा आवंटन किया गया है, गांवों पर, किसानों पर पूंजी खर्च की जा रही है. इसलिए यह दीर्घकालिक, दूरदर्शी और विकासोन्मुखी बजट है.

चूंकि भारतीय बाजार लंबे समय के बाद पुनर्जीवित हो रहे हैं, लोगों को उम्मीद थी कि बजट बाजार को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रस्ताव करेगा. इस संबंध में जिंदल ने कहा, कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं दिया जा रहा है. यही कारण है कि शेयर बाजार में गिरावट देखी गई. उन्होंने कहा, बजट 2022 में नई ट्रेनों का प्रस्ताव किया गया है. इससे जनता की गतिशीलता बढ़ेगी. बुनियादी ढांचे पर बड़े निवेश से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को भी गति मिलेगी.

विदेश मंत्रालय के लिए पैसों का आवंटन
विदेश मंत्रालय को आवंटन के संदर्भ में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट बेहतर दिखता है. बजट बढ़ाकर 17,250 करोड़ रुपये किया गया है. वित्त वर्ष 2021-22 (संशोधित) में यह 16,000 करोड़ रुपये था. पिछले साल अफगानिस्तान और अन्य देशों को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.

गौरतलब है कि युद्धग्रस्त राष्ट्र अफगानिस्तान में आर्थिक पतन को रोकने के लिए भारत की ओर से प्रयास किया जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में अफगानिस्तान को 200 करोड़ रुपये आवंटित (allocated Rs 200 crore to Afghanistan) किए. मौजूदा वित्तीय वर्ष में अफगानिस्तान के संदर्भ में 350 आवंटित करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

बता दें कि भारत पहले ही अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता के तीन शिपमेंट की आपूर्ति कर चुका है. उम्मीद की जा रही है कि फरवरी के महीने में ही भारत गेहूं की बहुप्रतीक्षित सहायता भेजेगा. गौरतलब है कि गेहूं भेजने के लिए भारत पाकिस्तान के भूभाग का प्रयोग करता है, इसके लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच औपचारिक संवाद हुआ है.

पढ़ें- budget 2022 : पत्रकार ने पूछा, महंगाई-रोजगार पर गोलमोल जवाब क्यों ? सुनिए वित्त मंत्री का जवाब

बता दें कि पाकिस्तान को भारत से भेजे गए गेहूं के शिपमेंट को रोकने के कारण दुनिया भर से आलोचना का सामना करना पड़ा था. बता दें कि 15 अगस्त 2021 को अशरफ गनी सरकार के पतन और अफगानिस्तान में तालिबान के उदय के बाद के दशकों में अफगानिस्तान सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है.

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