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बैंकों को बैड लोन की वजह से ₹2.85 लाख करोड़ का नुकसान, दो दिन की हड़ताल का आह्वान

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Published : Dec 13, 2021, 2:25 PM IST

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks )को 13 कंपनियों के ऋण बकाया के कारण लगभग 2.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि बैंक यस बैंक और आईएल एंड एफएस जैसे संकटग्रस्त संस्थानों को उबारने का काम करते रहे हैं.

Banks lose Rs 2.85 lakh crore due to bad loans of 13 companies, call for two-day strike
बैंकों को 13 कंपनियों के बैड लोन की वजह से ₹2.85 लाख करोड़ का नुकसान, दो दिन की हड़ताल का आह्वान

हैदराबाद: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks) को 13 कंपनियों के ऋण बकाया के कारण लगभग 2.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि बैंक यस बैंक और आईएल एंड एफएस जैसे संकटग्रस्त संस्थानों को उबारने का काम करते रहे हैं. बैंकों के संघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions ) ने सोमवार को यह आरोप लगाया.

यूएफबीयू के संयोजक बी रामबाबू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि संगठन ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध करते हुए 16 और 17 दिसंबर को पूरे देश में बैंकों की दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.

यूएफबीयू द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 13 निजी कंपनियों का बकाया 4,86,800 करोड़ रुपये था और इसे 1,61,820 करोड़ रुपये में निपटाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 2,84,980 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

ये भी पढ़ें- अगले बजट में सरकारी बैंकों को नहीं मिलेगी 'सरकारी' पूंजी

उन्होंने कहा, 'यह भी एक सच्चाई कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का इस्तेमाल निजी क्षेत्र के संकटग्रस्त बैंकों जैसे ग्लोबल ट्रस्ट बैंक, यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक, बैंक ऑफ कराड, आदि को राहत देने के लिए किया गया है. हाल के दिनों में, यस बैंक को सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने संकट से निकाला. इसी तरह निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्त कंपनी), आईएल एंड एफएस, को सार्वजनिक क्षेत्र के एसबीआई और एलआईसी ने संकट से निकाला.'

(पीटीआई-भाषा)

हैदराबाद: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks) को 13 कंपनियों के ऋण बकाया के कारण लगभग 2.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि बैंक यस बैंक और आईएल एंड एफएस जैसे संकटग्रस्त संस्थानों को उबारने का काम करते रहे हैं. बैंकों के संघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions ) ने सोमवार को यह आरोप लगाया.

यूएफबीयू के संयोजक बी रामबाबू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि संगठन ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध करते हुए 16 और 17 दिसंबर को पूरे देश में बैंकों की दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.

यूएफबीयू द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 13 निजी कंपनियों का बकाया 4,86,800 करोड़ रुपये था और इसे 1,61,820 करोड़ रुपये में निपटाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 2,84,980 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

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उन्होंने कहा, 'यह भी एक सच्चाई कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का इस्तेमाल निजी क्षेत्र के संकटग्रस्त बैंकों जैसे ग्लोबल ट्रस्ट बैंक, यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक, बैंक ऑफ कराड, आदि को राहत देने के लिए किया गया है. हाल के दिनों में, यस बैंक को सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने संकट से निकाला. इसी तरह निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्त कंपनी), आईएल एंड एफएस, को सार्वजनिक क्षेत्र के एसबीआई और एलआईसी ने संकट से निकाला.'

(पीटीआई-भाषा)

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