नई दिल्ली: आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं की सुविधा और मतदान फीसद बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा. इस बार सभी पोलिंग बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी, जिससे हर स्तर पर निगरानी संभव हो सके. इसके साथ ही एक खास ऐप लांच किया जाएगा, जो मतदाताओं को घर बैठे यह जानकारी देगा कि उनके पोलिंग बूथ पर कितनी भीड़ है और उनकी बारी कब आएगी.
दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर एलिस वाज ने सोमवार को बताया कि मतदान केंद्रों पर भीड़ की समस्या को कम करने के लिए इस ऐप को तैयार किया जा रहा है. यह मतदाताओं को रियल-टाइम जानकारी देगा, जैसे बूथ पर कितने लोग कतार में हैं, कुल वोटरों में से कितने मतदान कर चुके हैं और कितने बाकी हैं. झारखंड और अन्य राज्यों के चुनावों में इस तकनीक के सफल उपयोग के बाद अब इसे दिल्ली में लागू किया जा रहा है.
मतदान कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान के दिन मतदाताओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए कई स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. मतदान कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके. अधिकारियों ने बताया कि हर पोलिंग बूथ पर चार कर्मी तैनात किए जाएंगे और ईवीएम में किसी भी तकनीकी समस्या को तुरंत हल करने के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं.
बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष प्रावधान: दिल्ली में 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता और दिव्यांग मतदाता घर बैठे मतदान कर सकेंगे. बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) उनके घर जाकर आवेदन फॉर्म उपलब्ध करा रहे हैं. यदि ये मतदाता चाहें तो पिक एंड ड्रॉप सुविधा के जरिए मतदान केंद्र पर भी आ सकते हैं.
संवेदनशील बूथों की निगरानी: चुनाव आयोग ने तीन स्तर पर संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान शुरू कर दी है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं और पुलिस बल की तैनाती पर अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा. केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी चुनाव में ड्यूटी पर लगाया जाएगा. इस बार मतदान प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं. पिछले चुनावों में मतदान धीमा होने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए मशीनों की जांच और कर्मियों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.
लाइव वेबकास्टिंग जैसे उपाय मतदान प्रक्रिया को आसान करेंगे: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार तकनीक और प्रबंधन का नया स्तर देखने को मिलेगा. एआई आधारित ऐप और लाइव वेबकास्टिंग जैसे उपाय न केवल मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएंगे, बल्कि मतदाताओं को भी सहूलियत देंगे. चुनाव आयोग का यह कदम लोकतंत्र को और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है.