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'चीनी ऐप पर प्रतिबंध ने भारतीय, अमेरिकी स्टार्टअप को दिया मौका' - अमेरिकी स्टार्टअप को दिया मौका

अमेरिका-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच के अध्यक्ष मुकेश अघी का कहना है कि चीनी ऐप पर लगे प्रतिबंध से भारतीय कंपनियों को ज्यादा अवसर मिलेगा ताकि वह खुद के घरेलू ऐप विकसित करें. क्योंकि इस क्षेत्र में भारत के पास बहुत क्षमता और संभावनाएं हैं.

'चीनी ऐप पर प्रतिबंध ने भारतीय, अमेरिकी स्टार्टअप को दिया मौका'
'चीनी ऐप पर प्रतिबंध ने भारतीय, अमेरिकी स्टार्टअप को दिया मौका'
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Published : Jul 3, 2020, 4:32 PM IST

नई दिल्ली: भारत में चीनी ऐप पर प्रतिबंध से अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को एक बड़ा मौका मिला है. यह कहना है अमेरिका और भारत के बीच कारोबारी संबंधों को मजबूत करने का काम करने वाले संगठन 'अमेरिका-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच' का.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और डेटा सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक, वीचैट, कैमस्कैनर जैसरी सहित 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार के इस फैसले को गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- चीन और पाकिस्तान से बिजली उपकरण आयात नहीं करेगा भारत: आर के सिंह

मंच के अध्यक्ष मुकेश अघी ने पीटीआई-भाषा से बुधवार को कहा, "ये प्रतिबंध अमेरिकी कंपनियों के लिए एक मौका है. लेकिन मेरा मानना है कि यह भारतीय कंपनियों को ज्यादा अवसर उपलब्ध कराएगा कि वह खुद के घरेलू ऐप विकसित करें. क्योंकि इस क्षेत्र में भारत के पास बहुत क्षमता और संभावनाएं हैं."

उन्होंने कहा कि यह भारतीय कंपनियों के लिए इस क्षेत्र में पहुंच बनाने का एक बड़ा मौका है.

अघी ने कहा कि भारत में भी कई विश्वस्तरीय ऐप बनी हैं. वहां पहले से इस क्षेत्र में बड़े बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंधो को भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मामला बताया.

अघी ने कहा, "भारत को लगा होगा कि ये ऐप डेटा का हस्तांतरण कर रही है. हमें लगता है भारत ने अपनी आंतरिक सुरक्षा की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है और हम इसका समर्थन करते हैं."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत में चीनी ऐप पर प्रतिबंध से अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को एक बड़ा मौका मिला है. यह कहना है अमेरिका और भारत के बीच कारोबारी संबंधों को मजबूत करने का काम करने वाले संगठन 'अमेरिका-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच' का.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और डेटा सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक, वीचैट, कैमस्कैनर जैसरी सहित 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार के इस फैसले को गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है.

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मंच के अध्यक्ष मुकेश अघी ने पीटीआई-भाषा से बुधवार को कहा, "ये प्रतिबंध अमेरिकी कंपनियों के लिए एक मौका है. लेकिन मेरा मानना है कि यह भारतीय कंपनियों को ज्यादा अवसर उपलब्ध कराएगा कि वह खुद के घरेलू ऐप विकसित करें. क्योंकि इस क्षेत्र में भारत के पास बहुत क्षमता और संभावनाएं हैं."

उन्होंने कहा कि यह भारतीय कंपनियों के लिए इस क्षेत्र में पहुंच बनाने का एक बड़ा मौका है.

अघी ने कहा कि भारत में भी कई विश्वस्तरीय ऐप बनी हैं. वहां पहले से इस क्षेत्र में बड़े बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंधो को भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मामला बताया.

अघी ने कहा, "भारत को लगा होगा कि ये ऐप डेटा का हस्तांतरण कर रही है. हमें लगता है भारत ने अपनी आंतरिक सुरक्षा की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है और हम इसका समर्थन करते हैं."

(पीटीआई-भाषा)

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