ETV Bharat / business

पीएमसी बैंक घोटाला: आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल ने सहकारी बैंकों के नियामक व्यवस्था पर चर्चा की

यह बैठक खासतौर पर बैंकों की कार्यप्रणाली को बेहतर करने के मुद्दे पर केंद्रित थी क्योंकि 1 दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पीएमसी बैंक में करीब 4500 करोड के घोटाले को लेकर कहा था की यह आरबीआई की जिम्मेदारी है और आरबीआई सुनिश्चित करें कि बैंकों के साथ इस तरह के घोटाले ना हो इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

पीएमसी बैंक घोटाला: आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल ने सहकारी बैंकों के नियामक व्यवस्था पर चर्चा की
author img

By

Published : Oct 11, 2019, 9:46 PM IST

चंडीगढ़: पीएमसी बैंक में घोटाले के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने सहकारी और वाणिज्यिक बैंकों के नियामक तथा निगरानी व्यवस्था पर शुक्रवार को विस्तार से चर्चा की. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय निदेशक मंडल की यह बैठक चंडीगढ़ में हुई.

इससे पहले, बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहकारी बैंकों में बेहतर कामकाज सुनिश्चित करने के लिए विधायी बदलावों की सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी. निदेशक मंडल ने मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, वैश्विक एवं घरेलू चूनौतियों और आरबीआई के परिचालन के विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा की.

केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, "निदेशक मंडल ने गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ सहकारी एवं वाणिज्यिक बैंकों के नियामक तथा निगरानी ढांचे पर विशेष ध्यान देने के साथ वित्तीय क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की."

ये भी पढ़ें: इस साल पहली बार बैंक ऋण की वृद्धि दर हुई 10 प्रतिशत से नीचे

आईएलएंडएफएस संकट के बाद से एनबीएफसी क्षेत्र कर्ज की उपलब्धता में कमी समेत विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहा है. निदेशक मंडल ने वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में भुगतान बैंक और छोटे वित्त बैंकों की भूमिका पर भी चर्चा की. बैठक में स्थानीय निदेशक मंडलों और उनकी विभिन्न उप-समितियों की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट और कुछ केंद्रीय कार्यालय के कामकाज पर भी विचार-विमर्श किया गया.

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय निदेशक मंडल की एक रणनीति उप-समिति गठित की गई है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और महेश कुमार जैन बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा, अन्य निदेशकों ने भी बैठक में भाग लिया.

इनमें एन. चंद्रशेखरन, भरत दोशी, सुधीर मांकड़, मनीष सभरवाल, अशोक गुलाटी, प्रसन्ना कुमार मोहंती, दिलीप एस सांघवी, सतीश मराठे, स्वामीनाथन गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी शामिल हैं.

वित्त सचिव राजीव कुमार और आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने भी इस बैठक में भाग लिया. आरबीआई के केंद्रीय दिदेशक मंडल की यह 579 वीं बैठक थी.

चंडीगढ़: पीएमसी बैंक में घोटाले के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने सहकारी और वाणिज्यिक बैंकों के नियामक तथा निगरानी व्यवस्था पर शुक्रवार को विस्तार से चर्चा की. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय निदेशक मंडल की यह बैठक चंडीगढ़ में हुई.

इससे पहले, बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहकारी बैंकों में बेहतर कामकाज सुनिश्चित करने के लिए विधायी बदलावों की सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी. निदेशक मंडल ने मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, वैश्विक एवं घरेलू चूनौतियों और आरबीआई के परिचालन के विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा की.

केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, "निदेशक मंडल ने गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ सहकारी एवं वाणिज्यिक बैंकों के नियामक तथा निगरानी ढांचे पर विशेष ध्यान देने के साथ वित्तीय क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की."

ये भी पढ़ें: इस साल पहली बार बैंक ऋण की वृद्धि दर हुई 10 प्रतिशत से नीचे

आईएलएंडएफएस संकट के बाद से एनबीएफसी क्षेत्र कर्ज की उपलब्धता में कमी समेत विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहा है. निदेशक मंडल ने वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में भुगतान बैंक और छोटे वित्त बैंकों की भूमिका पर भी चर्चा की. बैठक में स्थानीय निदेशक मंडलों और उनकी विभिन्न उप-समितियों की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट और कुछ केंद्रीय कार्यालय के कामकाज पर भी विचार-विमर्श किया गया.

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय निदेशक मंडल की एक रणनीति उप-समिति गठित की गई है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और महेश कुमार जैन बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा, अन्य निदेशकों ने भी बैठक में भाग लिया.

इनमें एन. चंद्रशेखरन, भरत दोशी, सुधीर मांकड़, मनीष सभरवाल, अशोक गुलाटी, प्रसन्ना कुमार मोहंती, दिलीप एस सांघवी, सतीश मराठे, स्वामीनाथन गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी शामिल हैं.

वित्त सचिव राजीव कुमार और आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने भी इस बैठक में भाग लिया. आरबीआई के केंद्रीय दिदेशक मंडल की यह 579 वीं बैठक थी.

Intro:Body:

चंडीगढ़: पीएमसी बैंक में घोटाले के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने सहकारी और वाणिज्यिक बैंकों के नियामक तथा निगरानी व्यवस्था पर शुक्रवार को विस्तार से चर्चा की. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय निदेशक मंडल की यह बैठक चंडीगढ़ में हुई.

इससे पहले, बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहकारी बैंकों में बेहतर कामकाज सुनिश्चित करने के लिए विधायी बदलावों की सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी. निदेशक मंडल ने मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, वैश्विक एवं घरेलू चूनौतियों और आरबीआई के परिचालन के विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा की.

केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, "निदेशक मंडल ने गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ सहकारी एवं वाणिज्यिक बैंकों के नियामक तथा निगरानी ढांचे पर विशेष ध्यान देने के साथ वित्तीय क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की."

आईएलएंडएफएस संकट के बाद से एनबीएफसी क्षेत्र कर्ज की उपलब्धता में कमी समेत विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहा है. निदेशक मंडल ने वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में भुगतान बैंक और छोटे वित्त बैंकों की भूमिका पर भी चर्चा की. बैठक में स्थानीय निदेशक मंडलों और उनकी विभिन्न उप-समितियों की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट और कुछ केंद्रीय कार्यालय के कामकाज पर भी विचार-विमर्श किया गया.

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय निदेशक मंडल की एक रणनीति उप-समिति गठित की गई है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और महेश कुमार जैन बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा, अन्य निदेशकों ने भी बैठक में भाग लिया.

इनमें एन. चंद्रशेखरन, भरत दोशी, सुधीर मांकड़, मनीष सभरवाल, अशोक गुलाटी, प्रसन्ना कुमार मोहंती, दिलीप एस सांघवी, सतीश मराठे, स्वामीनाथन गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी शामिल हैं.

वित्त सचिव राजीव कुमार और आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने भी इस बैठक में भाग लिया. आरबीआई के केंद्रीय दिदेशक मंडल की यह 579 वीं बैठक थी.

ये भी पढ़ें:


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.