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बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जुड़े कर विवादों के जल्द निपटारे के लिये आयकर नियमों में संशोधन - बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जुड़े कर विवावदों के जल्द निपटारे के लिये आयकर नियमों में संशोधन

भारतीय प्राधिकरण आपसी समझौता प्रक्रिया (मैप) के तहत 24 माह की समयसीमा के भीतर विवादों का समाधान करने का प्रयास करेगा. इस पहल से बहुराष्टूीय कंपनियों से जुड़े मामलों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी.

बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जुड़े कर विवादों के जल्द निपटारे के लिये आयकर नियमों में संशोधन
बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जुड़े कर विवादों के जल्द निपटारे के लिये आयकर नियमों में संशोधन
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Published : May 8, 2020, 2:41 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कर विवादों का आपसी सहमति से निपटारा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुये आयकर नियमों में संशोधन किया है. इसके तहत भारतीय प्राधिकरण आपसी समझौता प्रक्रिया (मैप) के तहत 24 माह की समयसीमा के भीतर विवादों का समाधान करने का प्रयास करेगा.

इस पहल से बहुराष्टूीय कंपनियों से जुड़े मामलों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- सरकारी बैंकों ने मार्च- अप्रैल में मंजूर किये 5.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज: सीतारमण

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस मामले में आयकर कानून से जुड़े 44जी नियम में संशोधन किया है. यह नियम मैप के तहत आवेदनों और प्रक्रियाओं को शुरू करने के बारे में है. इसके साथ ही फार्म 34एफ में भी संशोधन किया गया है. इसके जरिये मैप के लिये सक्षम प्राधिकरण के समक्ष आवेदन किया जा सकेगा.

कर संधियों के तहत मैप एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया है. इसके तहत दोनों देश के सक्षम प्राधिकरण कर संबंधी विवादों को निपटाने के लिये आपस में बातचीत करते हैं. एक अप्रैल 2014 से लेकर 31 दिसंबर 2018 के बीच मैप के तहत 600 कर विवादों का समाधान किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कर विवादों का आपसी सहमति से निपटारा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुये आयकर नियमों में संशोधन किया है. इसके तहत भारतीय प्राधिकरण आपसी समझौता प्रक्रिया (मैप) के तहत 24 माह की समयसीमा के भीतर विवादों का समाधान करने का प्रयास करेगा.

इस पहल से बहुराष्टूीय कंपनियों से जुड़े मामलों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी.

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केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस मामले में आयकर कानून से जुड़े 44जी नियम में संशोधन किया है. यह नियम मैप के तहत आवेदनों और प्रक्रियाओं को शुरू करने के बारे में है. इसके साथ ही फार्म 34एफ में भी संशोधन किया गया है. इसके जरिये मैप के लिये सक्षम प्राधिकरण के समक्ष आवेदन किया जा सकेगा.

कर संधियों के तहत मैप एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया है. इसके तहत दोनों देश के सक्षम प्राधिकरण कर संबंधी विवादों को निपटाने के लिये आपस में बातचीत करते हैं. एक अप्रैल 2014 से लेकर 31 दिसंबर 2018 के बीच मैप के तहत 600 कर विवादों का समाधान किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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