लखनऊ: उत्तर प्रदेश में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है. यहां उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ने वर्ष 2019-20 के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी के प्रस्ताव रखा है. ये प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों और गरीबों की बिजली दर में इतनी अधिक वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है.
यूपीपीसीएल ने पहले ही अंतिम अनुमोदन के लिए यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (यूपीईआरसी) को 2019-20 के लिए प्रस्तावित नए बिजली शुल्क ढांचे को प्रस्तुत कर दिया है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए नए टैरिफ आदेश पर यूपीईआरसी अब सार्वजनिक सुनवाई करेगा और सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा.
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यूपीपीसीएल के इस फैसले के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह बढ़ोतरी मध्यम और निम्न आय वर्ग को प्रभावित करेगी.
उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार बिजली की मांग को पूरा करने में विफल रही है और अब वे टैरिफ बढ़ा रहे हैं. भाजपा सरकार ने उत्पादन की एक इकाई भी नहीं बढ़ाई है जबकि समाजवादी शासन में हमने उत्पादन को दोगुना कर 9,000 मेगावाट से 18,000 मेगावाट कर दिया था. राज्य में बिजली की मांग लगभग 24,000 मेगावाट की है, लेकिन राज्य सरकार बिजली उत्पादन करने में असमर्थ है."
यूपी पॉवर कंज्यूमर काउंसिल के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव से गरीबी रेखा के नीचे शहरी इलाकों में निवास करने वाले उपभोक्ताओं के बिजली के बिल दो गुने से अधिक बढ़ जाएंगे. उन्होंने कहा कि समाज के इस वर्ग को मुफ्त में कनेक्शन बांट कर बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी बड़ा मजाक है, जिसका हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा.
बिजली (यूनिट में) | वर्तमान दर (रुपये प्रति यूनिट) | प्रस्तावित दर (रुपये प्रति यूनिट) |
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0-150 | 4.90 रुपये | 6.20 रुपये |
151-300 | 5.40 रुपये | 6.50 रुपये |
301-500 | 6.20 रुपये | 7.00 रुपये |
500 के ऊपर | 6.50 रुपये | 7.50 रुपये |
घरेलू बीपीएल उपभोक्ता | 3.00 रुपये में 100 यूनिट तक | 3.00 रुपये में 50 यूनिट |
घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ता | 400 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह | 500 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह |
अनमीटर्ड किसानों के लिए निजी नलकूप | 150 रुपये | 170 रुपए |