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वित्त वर्ष 2017-18 में 1.07 करोड़ नए करदाता जुड़े

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.87 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल किये गए जबकि 2016-17 में 5.48 करोड़ आईटीआर फाइल किये गये थे.

वित्त वर्ष 2017-18 में 1.07 करोड़ नए करदाता जुड़े
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Published : Apr 5, 2019, 2:44 PM IST

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कहा कि 2017-18 में उसने 1.07 करोड़ नए करदाता जोड़े जबकि ड्रोप्ड फाइलरों की संख्या घटकर 25.22 लाख रह गयी. यह नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है.

एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.87 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल किये गए जबकि 2016-17 में 5.48 करोड़ आईटीआर फाइल किये गये थे यानी इस मोर्चे पर 25 फीसदी वृद्धि हुई. इसी के साथ 2017-18 में आईटीआर दाखिल करने वाले नए करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.07 करोड़ हो गयी जबकि 2016-17 में 86.16 लाख नए करदाता जुड़े थे.

ये भी पढ़ें- सत्ता में वापस आने पर करों में कटौती करेंगे: जेटली

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार नोटबंद के बाद 2016-17 में स्टॉप फाइलरों की संख्या 2015-16 में 8.56 लाख के मुकाबले 10 गुना बढ़कर 88.04 लाख हो गई.

सीबीडीटी ने कहा, "नोटबंदी ने कर आधार और प्रत्यक्ष कर संग्रहण के दायरे में विस्तार में असाधारण रूप से सकारात्मक असर डाला." ड्रोप्ड फाइलर ऐसे करदाता होते हैं जो पहले तो आईटीआर फाइल करने वालों में शामिल होते हैं लेकिन किन्हीं तीन लगातार वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल नहीं करते.

ऐसे लोगों की संख्या 2016-17 में 28.34 लाख थी जो घटकर 2017-18 में 25.22 लाख रह गयी. सीबीडीटी ने कहा कि 2016-17 की तुलना में 2017-18 में विशुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण 18 फीसद बढ़कर 10.03 लाख करोड़ हो गया.

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कहा कि 2017-18 में उसने 1.07 करोड़ नए करदाता जोड़े जबकि ड्रोप्ड फाइलरों की संख्या घटकर 25.22 लाख रह गयी. यह नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है.

एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.87 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल किये गए जबकि 2016-17 में 5.48 करोड़ आईटीआर फाइल किये गये थे यानी इस मोर्चे पर 25 फीसदी वृद्धि हुई. इसी के साथ 2017-18 में आईटीआर दाखिल करने वाले नए करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.07 करोड़ हो गयी जबकि 2016-17 में 86.16 लाख नए करदाता जुड़े थे.

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इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार नोटबंद के बाद 2016-17 में स्टॉप फाइलरों की संख्या 2015-16 में 8.56 लाख के मुकाबले 10 गुना बढ़कर 88.04 लाख हो गई.

सीबीडीटी ने कहा, "नोटबंदी ने कर आधार और प्रत्यक्ष कर संग्रहण के दायरे में विस्तार में असाधारण रूप से सकारात्मक असर डाला." ड्रोप्ड फाइलर ऐसे करदाता होते हैं जो पहले तो आईटीआर फाइल करने वालों में शामिल होते हैं लेकिन किन्हीं तीन लगातार वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल नहीं करते.

ऐसे लोगों की संख्या 2016-17 में 28.34 लाख थी जो घटकर 2017-18 में 25.22 लाख रह गयी. सीबीडीटी ने कहा कि 2016-17 की तुलना में 2017-18 में विशुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण 18 फीसद बढ़कर 10.03 लाख करोड़ हो गया.

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वित्त वर्ष 2017-18 में 1.07 करोड़ नए करदाता जुड़े

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कहा कि 2017-18 में उसने 1.07 करोड़ नए करदाता जोड़े जबकि ड्रोप्ड फाइलरों की संख्या घटकर 25.22 लाख रह गयी. यह नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है. 

एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.87 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल किये गए जबकि 2016-17 में 5.48 करोड़ आईटीआर फाइल किये गये थे यानी इस मोर्चे पर 25 फीसदी वृद्धि हुई. इसी के साथ 2017-18 में आईटीआर दाखिल करने वाले नए करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.07 करोड़ हो गयी जबकि 2016-17 में 86.16 लाख नए करदाता जुड़े थे. 

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार नोटबंद के बाद 2016-17 में स्टॉप फाइलरों की संख्या 2015-16 में 8.56 लाख के मुकाबले 10 गुना बढ़कर 88.04 लाख हो गई.

सीबीडीटी ने कहा, "नोटबंदी ने कर आधार और प्रत्यक्ष कर संग्रहण के दायरे में विस्तार में असाधारण रूप से सकारात्मक असर डाला." ड्रोप्ड फाइलर ऐसे करदाता होते हैं जो पहले तो आईटीआर फाइल करने वालों में शामिल होते हैं लेकिन किन्हीं तीन लगातार वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल नहीं करते. 

ऐसे लोगों की संख्या 2016-17 में 28.34 लाख थी जो घटकर 2017-18 में 25.22 लाख रह गयी. सीबीडीटी ने कहा कि 2016-17 की तुलना में 2017-18 में विशुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण 18 फीसद बढ़कर 10.03 लाख करोड़ हो गया


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