कोलकाता: खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाले मंच जोमैटो के कर्मचारियों के एक समूह ने कोलकाता में अपनी आधिकारिक टी-शर्ट को फाड़ और जलाकर कंपनी में चीन के निवेश का विरोध किया.
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे. इसके विरोध में शनिवार को शहर के दक्षिणपश्चिम में बेहाला में जोमैटो के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कुछ कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी है.
-
#WATCH साउथ 24 परगना में ज़ोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से इस्तीफा दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपनी जर्सियां जलाईं। #पश्चिम_बंगाल pic.twitter.com/inRGxc05KQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH साउथ 24 परगना में ज़ोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से इस्तीफा दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपनी जर्सियां जलाईं। #पश्चिम_बंगाल pic.twitter.com/inRGxc05KQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2020#WATCH साउथ 24 परगना में ज़ोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से इस्तीफा दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपनी जर्सियां जलाईं। #पश्चिम_बंगाल pic.twitter.com/inRGxc05KQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2020
ये भी पढ़ें- निवेश का मौका: सरकार एक जुलाई से पेश करेगी बचत बांड, साल में दो बार मिलेगा ब्याज
वर्ष 2018 में चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा की इकाई ऐंट फाइनेंशियल ने जोमैटो में 14.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 21 करोड़ डॉलर का निवेश किया था. ऐंट फाइनेंशियल ने हाल में जोमैटो में 15 करोड़ डॉलर का और निवेश किया है.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि चीन की कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं. वहीं उसकी सेना हमारे जवानों पर हमला कर रही है. वे हमारी जमीन छीनने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम भूखे रह लेंगे, लेकिन ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे जिसमें चीन का निवेश है.
कोरोना वायरस महामारी की वजह से जोमैटो ने अपने कुल कर्मचारियों में से 13 प्रतिशत यानी 520 को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इस बारे में तत्काल जोमैटो की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है कि क्या विरोध करने वालों में वे कर्मचारी थे, जिन्हें नौकरी से हटाया गया है.