मुंबई/नई दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में आर्थिक संकट देखा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करोड़ों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. विमानन कंपनी भी महामारी की मार से अछूता नहीं है. गहराते संकट के बीच विमानन कंपनी विस्तारा के सीईओ ने जोर देकर कहा है कि विमानन कंपनी लंबी अवधि में अपने परिचालन में विस्तार को लेकर प्रतिबद्ध है. विस्तारा एयरलाइन ने करीब छह साल पहले परिचालन शुरू किया था.
विस्तारा के सीईओ लेस्ली थंग (Vistara chief Leslie Thng) ने कहा कि कंपनी ने अपनी अल्पकालिक योजनाओं में 'कुछ अस्थायी समायोजन और संशोधन' किए हैं, लेकिन कंपनी में 'सभी की नौकरी बचाने' पर खास ध्यान दिया जा रहा है.
विस्तारा के सीईओ ने बताया कि विमानन कंपनी लंबे समय से घरेलू बाजार में है और उसके विकास में योगदान के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि विमानन कंपनी ने अपनी नेटवर्क क्षमता को समायोजित किया है और इस साल मार्च की शुरुआत में इसे लगभग कोविड-पूर्व की क्षमता के मुकाबले 75 प्रतिशत से घटाकर 25-30 प्रतिशत कर दिया गया है.
थंग ने कहा, 'दुनिया भर में हवाई यात्रा क्षेत्र में मांग को पूरी तरह से बहाल करने में टीकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. हमें उम्मीद है कि सरकार देश भर में टीकाकरण अभियान में और तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.'
थंग का कहना है कि कोविड- 19 की दूसरी लहर ठीक उस समय शुरू हुई जब विमानन उद्योग पिछले साल के कठिन दौर से आगे निकलकर सुधार के रास्ते पर बढ़ रहा था.
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने घरेलू हवाई यात्रा मांग को काफी प्रभावित किया है. गिरती मांग के साथ ही कई राज्यों द्वारा संक्रमण को रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाने के चलते विमानन कंपनियां कम क्षमता पर उड़ान भर रही हैं और वित्तीय संकट से भी जूझ रही हैं.
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विमानन कंपनियां महामारी के चलते पैदा हुई बाधाओं का सामना करने के लिए इस समय लागत को कम करना चाहती हैं, और इसके चलते उद्योग में वेतन कटौती और छंटनी भी देखी है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू विमानन कंपनियों को एक जून से अपनी क्षमता के 50 प्रतिशत पर उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी है.
ऐसे संकेत हैं कि टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस की साझा कंपनी महामारी के बावजूद अपनी विस्तार योजनाओं के साथ आगे बढ़ रही है और इस महीने वह दिल्ली से तोक्यो के लिए उड़ान शुरू करेगी. हाल ही में विमान वाहक को अपने मालिकों से धन भी प्राप्त हुआ.
टीकाकरण अभियान दुनिया भर में शुरू हो गया है और भारत सरकार की योजना इस साल के अंत तक पूरी वयस्क आबादी को टीका लगाने की है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक केन्द्र अब तक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 23 करोड़ टीके उपलब्ध करा चुका है. इसमें से कुल मिलाकर 21 करोड़ 51 लाख से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं, कुछ टीके खराब भी हुए हैं.
(पीटीआई-भाषा)