नई दिल्ली: उपभोक्ताओं को कम जीएसटी दरों का लाभ हस्तांतरित नहीं करने पर नेशनल एंटी-मुनाफाखोरी प्राधिकरण (एनएए) ने स्टारबक्स को मुनाफाखोरी का दोषी पाया है.
एंटी-प्रोफिटेयरिंग के महानिदेशक (डीजीएपी) द्वारा जांच से पता चला है कि 15 नवंबर 2017 इससे संबंधित जीएसटी दरों को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया था, जिसका लाभ ग्राहकों को न देकर कंपनी ने कुल 1.04 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.
यह राशि 15 नवंबर, 2017 से 30 जून, 2018 के दौरान रखी गई थी.
एनएए ने कंपनी को ग्राहकों को कर कटौती के लाभों पर पारित करने का निर्देश दिया है.
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एनएए के आदेश में कहा गया है, "प्रतिवादी को ब्याज के साथ उल्लिखित राशि को 18 प्रतिशत पर उस तिथि से जमा करने के लिए भी निर्देशित किया जाता है, जब तक उपरोक्त राशि जमा होने तक प्राप्तकर्ताओं से उसके द्वारा उपरोक्त राशि एकत्र की गई थी."
आदेश के तीन सप्ताह के भीतर केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों, जहां मुनाफाखोरी हुई, को राशि जमा की जानी है.
यह आदेश उस शिकायत के आधार पर हुई जांच के बाद आया है, जहां कॉफी श्रृंखला ने अपने 'शॉर्ट कैप्पुकिनो' की कीमत 155 रुपये से बढ़ाकर 170 रुपये कर दी, जबकि जीएसटी दरो में कमी आई थी.