नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल अपने कर्मचारियों के जुलाई और अगस्त महीने के वेतन का भुगतान नहीं कर पाई है. कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि हम कर्मचारियों का वेतन या उसके एक हिस्से का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं.
कुमार ने हाल में एमटीएनएल के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाला है. कुमार ने कहा, "दो महीनों जुलाई और अगस्त का वेतन बकाया है. हमने जून तक का वेतन दे दिया है."
ये भी पढ़ें- रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए भारत देगा एक अरब डालर की कर्ज सुविधा
हालांकि, कुमार ने यह नहीं बताया कि बकाया वेतन का भुगतान कब तक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम ईमानदारी से इसका प्रयास कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द कम से कम एक महीने का वेतन जारी कर दिया जाए.
यह पूछे जाने पर कि कंपनी अपनी वेतन प्रतिबद्धताओं को कैसे पूरा करेगी, कुमार ने कहा कि एमटीएनएल अपने संचित राजस्व या कमाई से इसका भुगतान करना चाहती है.
सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल को संकट का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में दिक्कत आ रही है.
बीएसएनएल की कुल आय में वेतन की लागत 75.06 प्रतिशत और एमटीएनएल की आय में वेतन की लागत 87.15 प्रतिशत है. वहीं निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों की वेतन लागत उनकी आय का 2.9 से 5.0 प्रतिशत है.
एमटीएनएल के चेयरमैन ने कहा, कर्मचारियों का बकाया वेतन जल्द जारी करेंगे
बीएसएनएल की कुल आय में वेतन की लागत 75.06 प्रतिशत और एमटीएनएल की आय में वेतन की लागत 87.15 प्रतिशत है. वहीं निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों की वेतन लागत उनकी आय का 2.9 से 5.0 प्रतिशत है.
नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल अपने कर्मचारियों के जुलाई और अगस्त महीने के वेतन का भुगतान नहीं कर पाई है. कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि हम कर्मचारियों का वेतन या उसके एक हिस्से का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं.
कुमार ने हाल में एमटीएनएल के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाला है. कुमार ने कहा, "दो महीनों जुलाई और अगस्त का वेतन बकाया है. हमने जून तक का वेतन दे दिया है."
ये भी पढ़ें- रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए भारत देगा एक अरब डालर की कर्ज सुविधा
हालांकि, कुमार ने यह नहीं बताया कि बकाया वेतन का भुगतान कब तक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम ईमानदारी से इसका प्रयास कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द कम से कम एक महीने का वेतन जारी कर दिया जाए.
यह पूछे जाने पर कि कंपनी अपनी वेतन प्रतिबद्धताओं को कैसे पूरा करेगी, कुमार ने कहा कि एमटीएनएल अपने संचित राजस्व या कमाई से इसका भुगतान करना चाहती है.
सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल को संकट का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में दिक्कत आ रही है.
बीएसएनएल की कुल आय में वेतन की लागत 75.06 प्रतिशत और एमटीएनएल की आय में वेतन की लागत 87.15 प्रतिशत है. वहीं निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों की वेतन लागत उनकी आय का 2.9 से 5.0 प्रतिशत है.
एमटीएनएल के चेयरमैन ने कहा, कर्मचारियों का बकाया वेतन जल्द जारी करेंगे
नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल अपने कर्मचारियों के जुलाई और अगस्त महीने के वेतन का भुगतान नहीं कर पाई है. कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि हम कर्मचारियों का वेतन या उसके एक हिस्से का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं.
कुमार ने हाल में एमटीएनएल के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाला है. कुमार ने कहा, "दो महीनों जुलाई और अगस्त का वेतन बकाया है. हमने जून तक का वेतन दे दिया है."
ये भी पढ़ें-
हालांकि, कुमार ने यह नहीं बताया कि बकाया वेतन का भुगतान कब तक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम ईमानदारी से इसका प्रयास कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द कम से कम एक महीने का वेतन जारी कर दिया जाए.
यह पूछे जाने पर कि कंपनी अपनी वेतन प्रतिबद्धताओं को कैसे पूरा करेगी, कुमार ने कहा कि एमटीएनएल अपने संचित राजस्व या कमाई से इसका भुगतान करना चाहती है.
सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल को संकट का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में दिक्कत आ रही है.
बीएसएनएल की कुल आय में वेतन की लागत 75.06 प्रतिशत और एमटीएनएल की आय में वेतन की लागत 87.15 प्रतिशत है. वहीं निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों की वेतन लागत उनकी आय का 2.9 से 5.0 प्रतिशत है.
Conclusion: