नई दिल्ली: कर्ज में फंसी कंपनी रूचि सोया के कर्जदाता बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की 4,350 करोड़ रुपये की संशोधित बोली पर 30 अप्रैल को मतदान के जरिये फैसला करेंगे. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
अडाणी विल्मर के हट जाने के बाद पतंजलि अकेली दावेदार बची है. पतंजलि ने बोली को पिछले महीने करीब 200 करोड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें रूचि सोया में लगायी जाने वाली 1,700 करोड़ रुपये की पूंजी शामिल नहीं है.
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सूत्रों ने कहा कि कर्जदाताओं की समिति ने पतंजलि की संशोधित बोली पर विचार करने के लिये शुक्रवार को बैठक की और 30 अप्रैल को मतदान करने का फैसला लिया. राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीबीएस बैंक की अपील पर रूचि सोया का मामला दिसंबर 2017 में दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया के लिये अनुमोदित कर दिया था.
रूचि सोया इंडस्ट्रीज के ऊपर वित्तीय ऋणदाताओं का करीब 9,345 करोड़ रुपये बकाया है. इसके अलावा कच्चा माल तथा परिचालन के दौरान अन्य देनदारियों के लिये भी कंपनी ने जो उधार लिये थे उसमें भी 2,750 करोड़ रुपये का बकाया है. वित्तीय ऋणदाताओं में सर्वाधिक 1,800 करोड़ रुपये का बकाया भारतीय स्टेट बैंक का है.
इसके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 816 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक का 743 करोड़ रुपये और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का 608 करोड़ रुपये बकाया है. रूचि सोया के प्रमुख ब्रांडों में न्यूट्रिला, महाकोश, सनरिच, रूचि स्टार और रूचि गोल्ड शामिल हैं.