नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट हाउस रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के रिफायनरी कारोबार में दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी अरामको द्वारा एक माइनॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने से जुड़ा एक बड़ा सौदा पटरी पर है और सऊदी की कंपनी इस नियोजित अरबों के निवेश के लिए उचित उद्यम कर रही है.
यह सौदा कुछ समय से चल रहा है और कोविड-19 के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण इसके जल्द पूरा होने को लेकर संदेह पैदा हुए हैं.
आरआईएल ने गुरुवार को अपनी चौथी तिमाही की रिपोर्ट के हिस्से के रूप में दिए एक बयान में कहा, "कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के बावजूद ओ2सी (ऑयल टू केमिकल) कारोबार में नियोजित निवेश के लिए सऊदी अरामको के उचित प्रयास पटरी पर हैं और दोनों पक्ष वचनबद्ध और सक्रिय रूप से आदान-प्रदान कर रहे हैं."
ये भी पढ़ें- पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिये बुनियादी ढांचा क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण: रिपोर्ट
रिलायंस और अरामको के बीच सौदे के तहत भारतीय निकाय द्वारा एक स्पेशल परपज व्हिकल में कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश शामिल है. इस एसपीवी में रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल और मार्केटिंग शामिल होंगे.
आरआईएल बोर्ड ने गुरुवार को अपने 75 अरब डॉलर के ओ2सी कारोबार को एक अलग निकाय बनाने को भी मंजूरी दे दी. यह मंजूरी राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (एनसीएलटी) की मंजूरी पर निर्भर होगी.
(आईएएनएस)