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रेनो की अगले साल तक भारत से कलपुर्जों का निर्यात दोगुना करने की योजना

कंपनी की योजना मध्यम अवधि में भारत में वाहन बाजार में हिस्सेदारी दोगुना करने की है. इसके लिये कंपनी 2022 तक एक इलेक्ट्रिक वाहन समेत तीन नये मॉडल पेश करने वाली है. घरेलू यात्री वाहन बाजार में रेनो की हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत है.

रेनो की अगले साल तक भारत से कलपुर्जों का निर्यात दोगुना करने की योजना
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Published : Oct 6, 2019, 4:56 PM IST

नई दिल्ली: फ्रांस की कार कंपनी रेनो की भारत से वाहनों के कलपुर्जा निर्यात कारोबार से आमदनी अगले साल तक दोगुना करने की योजना है. कंपनी ने भारत में तैयार कलपुर्जों का अपने विभिन्न वैश्विक परिचालनों को निर्यात कर 2018 में करीब 19 करोड़ यूरो का राजस्व अर्जित किया था.

कंपनी की योजना मध्यम अवधि में भारत में वाहन बाजार में हिस्सेदारी दोगुना करने की है. इसके लिये कंपनी 2022 तक एक इलेक्ट्रिक वाहन समेत तीन नये मॉडल पेश करने वाली है. घरेलू यात्री वाहन बाजार में रेनो की हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत है. कंपनी की योजना नये उत्पादों तथा मौजूदा उपभोक्ताओं की मदद के लिये बिक्री एवं सेवा नेटवर्क को दोगुना करने की भी है.

रेनो इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिल्लापल्ले ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में कहा, "हम काफी कलपुर्जों का निर्यात करते हैं, करीब 19.80 करोड़ यूरो के कलपुर्जों का वैश्विक स्तर पर सालाना निर्यात किया जा रहा है. इसे अगले साल की पहली छमाही तक दोगुना करने की योजना है."

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उन्होंने कहा कि निर्यात से भारत में कंपनी के आपूर्तिकर्ताओं को जोड़े रखने में मदद मिल रही है. कंपनी इंजन के हिस्सों तथा प्लास्टिक एवं वाहन की बॉडी के हिस्सों का निर्यात रूस, ब्राजील, रोमानिया, कोलंबिया, अर्जेंटीना और मोरक्को जैसे देशों को करती है.

वाहनों के निर्यात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी करीब 10 हजार क्विड का हर साल दक्षिण अफ्रीका निर्यात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और एशिया प्रशांत में ट्राइबर का निर्यात करने की योजना है.

नई दिल्ली: फ्रांस की कार कंपनी रेनो की भारत से वाहनों के कलपुर्जा निर्यात कारोबार से आमदनी अगले साल तक दोगुना करने की योजना है. कंपनी ने भारत में तैयार कलपुर्जों का अपने विभिन्न वैश्विक परिचालनों को निर्यात कर 2018 में करीब 19 करोड़ यूरो का राजस्व अर्जित किया था.

कंपनी की योजना मध्यम अवधि में भारत में वाहन बाजार में हिस्सेदारी दोगुना करने की है. इसके लिये कंपनी 2022 तक एक इलेक्ट्रिक वाहन समेत तीन नये मॉडल पेश करने वाली है. घरेलू यात्री वाहन बाजार में रेनो की हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत है. कंपनी की योजना नये उत्पादों तथा मौजूदा उपभोक्ताओं की मदद के लिये बिक्री एवं सेवा नेटवर्क को दोगुना करने की भी है.

रेनो इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिल्लापल्ले ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में कहा, "हम काफी कलपुर्जों का निर्यात करते हैं, करीब 19.80 करोड़ यूरो के कलपुर्जों का वैश्विक स्तर पर सालाना निर्यात किया जा रहा है. इसे अगले साल की पहली छमाही तक दोगुना करने की योजना है."

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उन्होंने कहा कि निर्यात से भारत में कंपनी के आपूर्तिकर्ताओं को जोड़े रखने में मदद मिल रही है. कंपनी इंजन के हिस्सों तथा प्लास्टिक एवं वाहन की बॉडी के हिस्सों का निर्यात रूस, ब्राजील, रोमानिया, कोलंबिया, अर्जेंटीना और मोरक्को जैसे देशों को करती है.

वाहनों के निर्यात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी करीब 10 हजार क्विड का हर साल दक्षिण अफ्रीका निर्यात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और एशिया प्रशांत में ट्राइबर का निर्यात करने की योजना है.

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नई दिल्ली: फ्रांस की कार कंपनी रेनो की भारत से वाहनों के कलपुर्जा निर्यात कारोबार से आमदनी अगले साल तक दोगुना करने की योजना है. कंपनी ने भारत में तैयार कलपुर्जों का अपने विभिन्न वैश्विक परिचालनों को निर्यात कर 2018 में करीब 19 करोड़ यूरो का राजस्व अर्जित किया था.

कंपनी की योजना मध्यम अवधि में भारत में वाहन बाजार में हिस्सेदारी दोगुना करने की है. इसके लिये कंपनी 2022 तक एक इलेक्ट्रिक वाहन समेत तीन नये मॉडल पेश करने वाली है. घरेलू यात्री वाहन बाजार में रेनो की हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत है. कंपनी की योजना नये उत्पादों तथा मौजूदा उपभोक्ताओं की मदद के लिये बिक्री एवं सेवा नेटवर्क को दोगुना करने की भी है.

रेनो इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिल्लापल्ले ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में कहा, "हम काफी कलपुर्जों का निर्यात करते हैं, करीब 19.80 करोड़ यूरो के कलपुर्जों का वैश्विक स्तर पर सालाना निर्यात किया जा रहा है. इसे अगले साल की पहली छमाही तक दोगुना करने की योजना है."

उन्होंने कहा कि निर्यात से भारत में कंपनी के आपूर्तिकर्ताओं को जोड़े रखने में मदद मिल रही है. कंपनी इंजन के हिस्सों तथा प्लास्टिक एवं वाहन की बॉडी के हिस्सों का निर्यात रूस, ब्राजील, रोमानिया, कोलंबिया, अर्जेंटीना और मोरक्को जैसे देशों को करती है.

वाहनों के निर्यात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी करीब 10 हजार क्विड का हर साल दक्षिण अफ्रीका निर्यात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और एशिया प्रशांत में ट्राइबर का निर्यात करने की योजना है.

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