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रिफाइनरी कारोबार में हिस्सेदारी के लिए सऊदी अरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ बातचीत रुकी - Saudi Aramco

सऊदी अरामको द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज की दोनों रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल परिसर के लिए प्रस्तावित विशेष उद्देशीय इकाई (एसपीवी) में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए चल रही बातचीत थम गई है. मूल्यांकन को लेकर सहमति नहीं बन पाने की वजह से बातचीत रुकी है.

रिफाइनरी कारोबार में हिस्सेदारी के लिए सऊदी अरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ बातचीत रुकी
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Published : Jul 24, 2019, 1:32 PM IST

नई दिल्ली: सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की अपने रिफाइनरी कारोबार की अल्पांश हिस्सेदारी सऊदी अरब की दिग्गज कंपनी सऊदी आरामको को बेचने के लिए चल रही बातचीत मूल्यांकन तथा सौदे के स्वरूप पर एकमत नहीं होने के कारण थम गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरामको द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज की दोनों रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल परिसर के लिए प्रस्तावित विशेष उद्देशीय इकाई (एसपीवी) में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए चल रही बातचीत थम गई है. मूल्यांकन को लेकर सहमति नहीं बन पाने की वजह से बातचीत रुकी है.

रिलायंस समूह के 2,88,243 करोड़ रुपये के कर्ज में से कुछ हिस्से को एसपीवी में स्थानांतरित किये जाने की बात से भी सउदी कंपनी सहमत नहीं हुई.

ये भी पढ़ें- आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख एक महीने बढ़कर 31 अगस्त हुई

रिलायंस द्वारा इन मामलों में बदलाव किए जाने के बाद दोनों कंपनियां बातचीत को फिर आगे बढ़ा सकतीं हैं.

इस बारे में पूछे जाने पर रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की नीति के तहत हम मीडिया में लगाई जा रही अटकलों, अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते. कंपनी आने वाली परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अवसरों का आकलन करती रहती है.

प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और खुलासा अनिवार्यता) नियमन, 2015 और शेयर बाजारों के साथ अपने करार के तहत जरूरी खुलासा करते रहेंगे.

महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की 44 अरब डॉलर की विशाल रिफाइनरी सह-पेट्रोरसायन परिसर बनाने की योजना है. इसमें सऊदी नेशनल आयल कंपनी ने अपनी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक के साथ 50 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है.

सऊदी आरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ वार्ता सबसे पहले तब सामने आई थी जबकि सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह ने मुकेश अंबानी से मुलाकात की थी.

अल फलीह का अंबानी के साथ एक दशक से अधिक पुराना परिचय है. वह उस महीने अंबानी की पुत्री इशा की अजय पिरामल के पुत्र आनंद के साथ विवाह से पहले आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने उदयपुर गए थे.

इस यात्रा के दौरान उनकी अंबानी के साथ बातचीत भी हुई थी. बाद में उन्होंने ट्वीट किया था, "हमारे बीच संयुक्त निवेश के अवसरों और पेट्रोरसायन, रिफाइनिंग और संचार परियोजनाओं में सहयोग के लिए विचार विमर्श हुआ."

इसके बाद जनवरी में आरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अंबानी के साथ बैठक हुई थी. रिलायंस गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियों का परिचालन करती है जिनकी कुल क्षमता 6.82 करोड़ टन सालाना की है.

कंपनी की योजना विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थित केवल निर्यात रिफाइनरी की रिफाइनिंग क्षमता को मौजूदा 3.52 करोड़ टन से बढ़ाकर 4.1 करोड़ करोड़ टन करने की है. उसकी देश में कोई नई रिफाइनरी लगाने की योजना नहीं है. कंपनी का ध्यान वर्तमान में अपने पेट्रोरसायन और दूरसंचार कारोबार का विस्तार करने पर है.

नई दिल्ली: सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की अपने रिफाइनरी कारोबार की अल्पांश हिस्सेदारी सऊदी अरब की दिग्गज कंपनी सऊदी आरामको को बेचने के लिए चल रही बातचीत मूल्यांकन तथा सौदे के स्वरूप पर एकमत नहीं होने के कारण थम गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरामको द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज की दोनों रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल परिसर के लिए प्रस्तावित विशेष उद्देशीय इकाई (एसपीवी) में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए चल रही बातचीत थम गई है. मूल्यांकन को लेकर सहमति नहीं बन पाने की वजह से बातचीत रुकी है.

रिलायंस समूह के 2,88,243 करोड़ रुपये के कर्ज में से कुछ हिस्से को एसपीवी में स्थानांतरित किये जाने की बात से भी सउदी कंपनी सहमत नहीं हुई.

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रिलायंस द्वारा इन मामलों में बदलाव किए जाने के बाद दोनों कंपनियां बातचीत को फिर आगे बढ़ा सकतीं हैं.

इस बारे में पूछे जाने पर रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की नीति के तहत हम मीडिया में लगाई जा रही अटकलों, अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते. कंपनी आने वाली परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अवसरों का आकलन करती रहती है.

प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और खुलासा अनिवार्यता) नियमन, 2015 और शेयर बाजारों के साथ अपने करार के तहत जरूरी खुलासा करते रहेंगे.

महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की 44 अरब डॉलर की विशाल रिफाइनरी सह-पेट्रोरसायन परिसर बनाने की योजना है. इसमें सऊदी नेशनल आयल कंपनी ने अपनी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक के साथ 50 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है.

सऊदी आरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ वार्ता सबसे पहले तब सामने आई थी जबकि सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह ने मुकेश अंबानी से मुलाकात की थी.

अल फलीह का अंबानी के साथ एक दशक से अधिक पुराना परिचय है. वह उस महीने अंबानी की पुत्री इशा की अजय पिरामल के पुत्र आनंद के साथ विवाह से पहले आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने उदयपुर गए थे.

इस यात्रा के दौरान उनकी अंबानी के साथ बातचीत भी हुई थी. बाद में उन्होंने ट्वीट किया था, "हमारे बीच संयुक्त निवेश के अवसरों और पेट्रोरसायन, रिफाइनिंग और संचार परियोजनाओं में सहयोग के लिए विचार विमर्श हुआ."

इसके बाद जनवरी में आरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अंबानी के साथ बैठक हुई थी. रिलायंस गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियों का परिचालन करती है जिनकी कुल क्षमता 6.82 करोड़ टन सालाना की है.

कंपनी की योजना विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थित केवल निर्यात रिफाइनरी की रिफाइनिंग क्षमता को मौजूदा 3.52 करोड़ टन से बढ़ाकर 4.1 करोड़ करोड़ टन करने की है. उसकी देश में कोई नई रिफाइनरी लगाने की योजना नहीं है. कंपनी का ध्यान वर्तमान में अपने पेट्रोरसायन और दूरसंचार कारोबार का विस्तार करने पर है.

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रिफाइनरी कारोबार में हिस्सेदारी के लिए सऊदी अरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ बातचीत रुकी

नई दिल्ली: सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की अपने रिफाइनरी कारोबार की अल्पांश हिस्सेदारी सऊदी अरब की दिग्गज कंपनी सऊदी आरामको को बेचने के लिए चल रही बातचीत मूल्यांकन तथा सौदे के स्वरूप पर एकमत नहीं होने के कारण थम गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. 

सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरामको द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज की दोनों रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल परिसर के लिए प्रस्तावित विशेष उद्देशीय इकाई (एसपीवी) में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए चल रही बातचीत थम गई है. मूल्यांकन को लेकर सहमति नहीं बन पाने की वजह से बातचीत रुकी है. 

रिलायंस समूह के 2,88,243 करोड़ रुपये के कर्ज में से कुछ हिस्से को एसपीवी में स्थानांतरित किये जाने की बात से भी सउदी कंपनी सहमत नहीं हुई. 

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रिलायंस द्वारा इन मामलों में बदलाव किए जाने के बाद दोनों कंपनियां बातचीत को फिर आगे बढ़ा सकतीं हैं. 

इस बारे में पूछे जाने पर रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की नीति के तहत हम मीडिया में लगाई जा रही अटकलों, अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते. कंपनी आने वाली परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अवसरों का आकलन करती रहती है. 

प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और खुलासा अनिवार्यता) नियमन, 2015 और शेयर बाजारों के साथ अपने करार के तहत जरूरी खुलासा करते रहेंगे. 

महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की 44 अरब डॉलर की विशाल रिफाइनरी सह-पेट्रोरसायन परिसर बनाने की योजना है. इसमें सऊदी नेशनल आयल कंपनी ने अपनी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक के साथ 50 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है. 

सऊदी आरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ वार्ता सबसे पहले तब सामने आई थी जबकि सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह ने मुकेश अंबानी से मुलाकात की थी. 

अल फलीह का अंबानी के साथ एक दशक से अधिक पुराना परिचय है. वह उस महीने अंबानी की पुत्री इशा की अजय पिरामल के पुत्र आनंद के साथ विवाह से पहले आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने उदयपुर गए थे. 

इस यात्रा के दौरान उनकी अंबानी के साथ बातचीत भी हुई थी. बाद में उन्होंने ट्वीट किया था, "हमारे बीच संयुक्त निवेश के अवसरों और पेट्रोरसायन, रिफाइनिंग और संचार परियोजनाओं में सहयोग के लिए विचार विमर्श हुआ." 

इसके बाद जनवरी में आरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अंबानी के साथ बैठक हुई थी. रिलायंस गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियों का परिचालन करती है जिनकी कुल क्षमता 6.82 करोड़ टन सालाना की है. 

कंपनी की योजना विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थित केवल निर्यात रिफाइनरी की रिफाइनिंग क्षमता को मौजूदा 3.52 करोड़ टन से बढ़ाकर 4.1 करोड़ करोड़ टन करने की है. उसकी देश में कोई नई रिफाइनरी लगाने की योजना नहीं है. कंपनी का ध्यान वर्तमान में अपने पेट्रोरसायन और दूरसंचार कारोबार का विस्तार करने पर है. 

 


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