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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बकाया 643 करोड़ रुपये का भुगतान एमएमआरडीए को किया

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Published : Mar 23, 2019, 2:10 PM IST

रिलायंस बीकेसी के सी ब्लाक, 66 में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र बना रहा है. जो समूह का भविष्य का मुख्यालय होगा और इसे जियो वर्ल्ड सेंटर के रूप में जाना जाएगा.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बकाया 643 करोड़ रुपये का भुगतान एमएमआरडीए को किया

मुंबई: मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) का 643 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान कर दिया है. यह राशि बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला परिसर) क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के निर्माण में देरी के एवज में अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के एवज में दी गयी है.

मार्च, 2018 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को अनुचित लाभ देने तथा परियोजना के क्रियान्वयन में देरी को लेकर 770 करोड़ रुपये की वसूली नहीं करने को लेकर प्राधिकरण की खिंचाई की थी. प्राधिकरण के अनुसार दिसंबर, 2006 में दोनों पक्षों के बीच पट्टा समझौता के अनुसार अगस्त, 2010 में परियोजना पूरी होनी थी.

ये भी पढ़ें-विदेशी मुद्रा भंडार 3.6 अरब डॉलर बढ़कर 405.63 अरब डॉलर

रिलायंस बीकेसी के सी ब्लाक, 66 में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र बना रहा है. जो समूह का भविष्य का मुख्यालय होगा और इसे जियो वर्ल्ड सेंटर के रूप में जाना जाएगा. कैग रिपोर्ट के अनुसार एमएमआरडीए ने दिसंबर 2006 में 10,183.18 वर्ग मीटर जमीन 80 साल के पट्टे पर दिया.

यह जमीन पट्टा प्रीमियम 918.03 करोड़ रुपये में दिया गया. एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने कहा, "हमने रिलायंस से राशि प्राप्त कर ली है." हालांकि अधिकारी ने कोई ब्योरा नहीं दिया है. लेकिन ऐसा समझा जाता है कि यह राशि 643 करोड़ रुपये है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर आरआईएल ने सूचना की पुष्टि करने से इनकार कर दिया.

विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में कहा गया था कि एमएमआरडीए को अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र को लेकर पट्टा प्रीमियम बकाया के रूप में आरआईएल से 770 करोड़ रुपये वसूलने हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि एमएमआरडीए ने निर्माण में देरी को लेकर अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के रूप में 428 करोड़ रुपये नहीं वसूलकर आरआईएल को अनुचित लाभ पहुंचाया.

(भाषा)

मुंबई: मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) का 643 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान कर दिया है. यह राशि बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला परिसर) क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के निर्माण में देरी के एवज में अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के एवज में दी गयी है.

मार्च, 2018 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को अनुचित लाभ देने तथा परियोजना के क्रियान्वयन में देरी को लेकर 770 करोड़ रुपये की वसूली नहीं करने को लेकर प्राधिकरण की खिंचाई की थी. प्राधिकरण के अनुसार दिसंबर, 2006 में दोनों पक्षों के बीच पट्टा समझौता के अनुसार अगस्त, 2010 में परियोजना पूरी होनी थी.

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रिलायंस बीकेसी के सी ब्लाक, 66 में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र बना रहा है. जो समूह का भविष्य का मुख्यालय होगा और इसे जियो वर्ल्ड सेंटर के रूप में जाना जाएगा. कैग रिपोर्ट के अनुसार एमएमआरडीए ने दिसंबर 2006 में 10,183.18 वर्ग मीटर जमीन 80 साल के पट्टे पर दिया.

यह जमीन पट्टा प्रीमियम 918.03 करोड़ रुपये में दिया गया. एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने कहा, "हमने रिलायंस से राशि प्राप्त कर ली है." हालांकि अधिकारी ने कोई ब्योरा नहीं दिया है. लेकिन ऐसा समझा जाता है कि यह राशि 643 करोड़ रुपये है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर आरआईएल ने सूचना की पुष्टि करने से इनकार कर दिया.

विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में कहा गया था कि एमएमआरडीए को अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र को लेकर पट्टा प्रीमियम बकाया के रूप में आरआईएल से 770 करोड़ रुपये वसूलने हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि एमएमआरडीए ने निर्माण में देरी को लेकर अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के रूप में 428 करोड़ रुपये नहीं वसूलकर आरआईएल को अनुचित लाभ पहुंचाया.

(भाषा)

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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बकाया 643 करोड़ रुपये का भुगतान एमएमआरडीए को किया

मुंबई: मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) का 643 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान कर दिया है. यह राशि बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला परिसर) क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के निर्माण में देरी के एवज में अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के एवज में दी गयी है. 

मार्च, 2018 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को अनुचित लाभ देने तथा परियोजना के क्रियान्वयन में देरी को लेकर 770 करोड़ रुपये की वसूली नहीं करने को लेकर प्राधिकरण की खिंचाई की थी. प्राधिकरण के अनुसार दिसंबर, 2006 में दोनों पक्षों के बीच पट्टा समझौता के अनुसार अगस्त, 2010 में परियोजना पूरी होनी थी. 

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रिलायंस बीकेसी के सी ब्लाक, 66 में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र बना रहा है. जो समूह का भविष्य का मुख्यालय होगा और इसे जियो वर्ल्ड सेंटर के रूप में जाना जाएगा. कैग रिपोर्ट के अनुसार एमएमआरडीए ने दिसंबर 2006 में 10,183.18 वर्ग मीटर जमीन 80 साल के पट्टे पर दिया. 

यह जमीन पट्टा प्रीमियम 918.03 करोड़ रुपये में दिया गया. एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने कहा, "हमने रिलायंस से राशि प्राप्त कर ली है." हालांकि अधिकारी ने कोई ब्योरा नहीं दिया है. लेकिन ऐसा समझा जाता है कि यह राशि 643 करोड़ रुपये है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर आरआईएल ने सूचना की पुष्टि करने से इनकार कर दिया. 

विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में कहा गया था कि एमएमआरडीए को अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र को लेकर पट्टा प्रीमियम बकाया के रूप में आरआईएल से 770 करोड़ रुपये वसूलने हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि एमएमआरडीए ने निर्माण में देरी को लेकर अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के रूप में 428 करोड़ रुपये नहीं वसूलकर आरआईएल को अनुचित लाभ पहुंचाया.

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