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हुआवेई को महंगा पड़ सकता है अपने स्मार्टफोन से एंड्रोएड, गूगल और फेसबुक हटाना

चीनी कंपनी ने अपने स्मार्टफोन्स से एंड्रोएड हटाने के लिए हालांकि अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) होंगमेंग को लांच करने का लक्ष्य बनाया है, लेकिन ओएस को बाजार में आने और यूजर्स की स्वीकृति का इंतजार करना पड़ेगा जो सबसे नाजुक हिस्सा है.

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Published : Jun 16, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 8:02 PM IST

महंगा पड़ सकता है हुआवेई स्मार्टफोन से एंड्रोएड, गूगल और फेसबुक हटाना

नई दिल्ली: आप खुद को ईमानदारी से पूछिए कि क्या आप ऐसा स्मार्टफोन खरीदेंगे जिसमें ना तो एंड्रोएड सपोर्ट सिस्टम और गूगल एप्स हैं और ना ही पहले से इंस्टाल किए गए फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम? यह स्थिति फिलहाल निकट भविष्य में हुआवेई (और उसका सब-ब्रांड ऑनर) के स्मार्टफोन्स के साथ दिख रही है, और अगर अगले दो-तीन तिमाहियों में कंपनी ने अपनी समस्या का समाधान नहीं किया तो उसे जल्दी ही नुकसान उठाना पड़ेगा.

चीनी कंपनी ने अपने स्मार्टफोन्स से एंड्रोएड हटाने के लिए हालांकि अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) होंगमेंग को लांच करने का लक्ष्य बनाया है, लेकिन ओएस को बाजार में आने और यूजर्स की स्वीकृति का इंतजार करना पड़ेगा जो सबसे नाजुक हिस्सा है.

ये भी पढ़ें- आज से लागू हो जाएगा 28 अमेरिकी उत्पादों पर बढ़ा आयात शुल्क, नोटिफिकेशन जारी

यूजर्स के लिए सबसे जरूरी एप्स फेसबुक और व्हाट्सएप की अनुपस्थिति हुआवेई के लिए दोहरा झटका है.

वर्तमान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी (यूरोप और एशिया जैसे गैर-अमेरिकी क्षेत्रों में शानदार वृद्धि पर आधारित) हुआवेई को आगे के कठिन रास्ते का एहसास हो गया है. निक्की एशियन रिव्यू की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हुआवेई ने 2019 के बाद के छह महीनों में कुल स्मार्टफोन बिक्री में पूर्व के अनुमान से 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी दर्ज होने का पूर्वानुमान लगाया है.

आईडीसी के भारत और दक्षिण एशिया में डिवाइस और इकोसिस्टम के शोध निदेशक नवकेंदर सिंह के अनुसार, "हुआवेई के लगभग आधे स्मार्टफोन्स चीन के बाहर से आते हैं जो गूगल मोबाइल सर्विसेज (जीएमएस) के साथ एंड्रोएड पर चलता है."

सिंह ने आईएएनएस से कहा, "चीन में एप्स का उसका अपना पारिस्थितंत्र है लेकिन यह सिर्फ चीन में लोकप्रिय है. उसके बाहर, लगभग सभी लोकप्रिय एप्स गूगल या अमेरिकी कंपनियों के हैं. ये एप्स इन दिनों प्रत्येक स्मार्टफोन यूजर की प्रमुख वरीयता हैं."

उन्होंने कहा, "खुद के ओएस पर इन एप्स के बिना हुआवेई के लिए अपने फोन की मांग बढ़ाना बहुत मुश्किल काम है."

अमेरिका और चीन में जारी व्यापार युद्ध में पिस रही चीनी कंपनी को अपनी प्रतिष्ठा को बचाने और नुकसान की भरपाई के लिए प्रयास कर रही है.

कंपनी इसके लिए भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर उम्मीद लगाए है जिसमें 45 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं और इसके आगे बढ़ने की क्षमता है.

नई दिल्ली: आप खुद को ईमानदारी से पूछिए कि क्या आप ऐसा स्मार्टफोन खरीदेंगे जिसमें ना तो एंड्रोएड सपोर्ट सिस्टम और गूगल एप्स हैं और ना ही पहले से इंस्टाल किए गए फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम? यह स्थिति फिलहाल निकट भविष्य में हुआवेई (और उसका सब-ब्रांड ऑनर) के स्मार्टफोन्स के साथ दिख रही है, और अगर अगले दो-तीन तिमाहियों में कंपनी ने अपनी समस्या का समाधान नहीं किया तो उसे जल्दी ही नुकसान उठाना पड़ेगा.

चीनी कंपनी ने अपने स्मार्टफोन्स से एंड्रोएड हटाने के लिए हालांकि अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) होंगमेंग को लांच करने का लक्ष्य बनाया है, लेकिन ओएस को बाजार में आने और यूजर्स की स्वीकृति का इंतजार करना पड़ेगा जो सबसे नाजुक हिस्सा है.

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यूजर्स के लिए सबसे जरूरी एप्स फेसबुक और व्हाट्सएप की अनुपस्थिति हुआवेई के लिए दोहरा झटका है.

वर्तमान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी (यूरोप और एशिया जैसे गैर-अमेरिकी क्षेत्रों में शानदार वृद्धि पर आधारित) हुआवेई को आगे के कठिन रास्ते का एहसास हो गया है. निक्की एशियन रिव्यू की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हुआवेई ने 2019 के बाद के छह महीनों में कुल स्मार्टफोन बिक्री में पूर्व के अनुमान से 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी दर्ज होने का पूर्वानुमान लगाया है.

आईडीसी के भारत और दक्षिण एशिया में डिवाइस और इकोसिस्टम के शोध निदेशक नवकेंदर सिंह के अनुसार, "हुआवेई के लगभग आधे स्मार्टफोन्स चीन के बाहर से आते हैं जो गूगल मोबाइल सर्विसेज (जीएमएस) के साथ एंड्रोएड पर चलता है."

सिंह ने आईएएनएस से कहा, "चीन में एप्स का उसका अपना पारिस्थितंत्र है लेकिन यह सिर्फ चीन में लोकप्रिय है. उसके बाहर, लगभग सभी लोकप्रिय एप्स गूगल या अमेरिकी कंपनियों के हैं. ये एप्स इन दिनों प्रत्येक स्मार्टफोन यूजर की प्रमुख वरीयता हैं."

उन्होंने कहा, "खुद के ओएस पर इन एप्स के बिना हुआवेई के लिए अपने फोन की मांग बढ़ाना बहुत मुश्किल काम है."

अमेरिका और चीन में जारी व्यापार युद्ध में पिस रही चीनी कंपनी को अपनी प्रतिष्ठा को बचाने और नुकसान की भरपाई के लिए प्रयास कर रही है.

कंपनी इसके लिए भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर उम्मीद लगाए है जिसमें 45 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं और इसके आगे बढ़ने की क्षमता है.

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महंगा पड़ सकता है हुआवेई स्मार्टफोन से एंड्रोएड, गूगल और फेसबुक हटाना 

नई दिल्ली: आप खुद को ईमानदारी से पूछिए कि क्या आप ऐसा स्मार्टफोन खरीदेंगे जिसमें ना तो एंड्रोएड सपोर्ट सिस्टम और गूगल एप्स हैं और ना ही पहले से इंस्टाल किए गए फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम? यह स्थिति फिलहाल निकट भविष्य में हुआवेई (और उसका सब-ब्रांड ऑनर) के स्मार्टफोन्स के साथ दिख रही है, और अगर अगले दो-तीन तिमाहियों में कंपनी ने अपनी समस्या का समाधान नहीं किया तो उसे जल्दी ही नुकसान उठाना पड़ेगा.

चीनी कंपनी ने अपने स्मार्टफोन्स से एंड्रोएड हटाने के लिए हालांकि अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) होंगमेंग को लांच करने का लक्ष्य बनाया है, लेकिन ओएस को बाजार में आने और यूजर्स की स्वीकृति का इंतजार करना पड़ेगा जो सबसे नाजुक हिस्सा है.

यूजर्स के लिए सबसे जरूरी एप्स फेसबुक और व्हाट्सएप की अनुपस्थिति हुआवेई के लिए दोहरा झटका है.

वर्तमान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी (यूरोप और एशिया जैसे गैर-अमेरिकी क्षेत्रों में शानदार वृद्धि पर आधारित) हुआवेई को आगे के कठिन रास्ते का एहसास हो गया है. निक्की एशियन रिव्यू की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हुआवेई ने 2019 के बाद के छह महीनों में कुल स्मार्टफोन बिक्री में पूर्व के अनुमान से 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी दर्ज होने का पूर्वानुमान लगाया है.

आईडीसी के भारत और दक्षिण एशिया में डिवाइस और इकोसिस्टम के शोध निदेशक नवकेंदर सिंह के अनुसार, "हुआवेई के लगभग आधे स्मार्टफोन्स चीन के बाहर से आते हैं जो गूगल मोबाइल सर्विसेज (जीएमएस) के साथ एंड्रोएड पर चलता है."

सिंह ने आईएएनएस से कहा, "चीन में एप्स का उसका अपना पारिस्थितंत्र है लेकिन यह सिर्फ चीन में लोकप्रिय है. उसके बाहर, लगभग सभी लोकप्रिय एप्स गूगल या अमेरिकी कंपनियों के हैं. ये एप्स इन दिनों प्रत्येक स्मार्टफोन यूजर की प्रमुख वरीयता हैं."

उन्होंने कहा, "खुद के ओएस पर इन एप्स के बिना हुआवेई के लिए अपने फोन की मांग बढ़ाना बहुत मुश्किल काम है."

अमेरिका और चीन में जारी व्यापार युद्ध में पिस रही चीनी कंपनी को अपनी प्रतिष्ठा को बचाने और नुकसान की भरपाई के लिए प्रयास कर रही है.

कंपनी इसके लिए भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर उम्मीद लगाए है जिसमें 45 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं और इसके आगे बढ़ने की क्षमता है.


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Last Updated : Jun 16, 2019, 8:02 PM IST
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