नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 में मोबाइल हैंडसेट का निर्यात आठ गुना से अधिक बढ़कर 11,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह पहली बार है जब मोबाइल हैंडसेट का निर्यात आयात से अधिक हो गया है.
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2019 के दौरान हैंडसेट निर्यात करीब सात हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इससे चालू वित्त वर्ष में हैंडसेट निर्यात का आंकड़ा 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें- एडीबी ने देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.50 प्रतिशत किया
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा, "मोबाइल हैंडसेट विनिर्माण उद्योग का रथ दौड़ रहा है. 2017-18 की तुलना में 2018-19 में निर्यात में 800 प्रतिशत तेजी देखने को मिली है. यह बेहतर भविष्य की दिशा में अच्छी शुरुआत है."
आईसीईए के अनुसार, 2014-15 में देश में 5.80 करोड़ हैंडसेट का विनिर्माण हुआ जिनकी कुल कीमत 18,900 करोड़ रुपये थी. नोकिया संयंत्र के बंद होने के बाद हैंडसेट निर्यात लगभग शून्य पर आ गया था. 2018-19 में विनिर्माण बढ़कर 29 करोड़ इकाइयों पर पहुंच गया, जिनकी कुल कीमत 1.81 लाख करोड़ रुपये रही.
महेंद्रू ने कहा, "घरेलू मांग में आयात की हिस्सेदारी 2014-15 में करीब 80 प्रतिशत थी जो 2018-19 में गिरकर महज छह प्रतिशत रह गयी. इससे मोबाइल हैंडसेट आयात को शुद्ध रूप से शून्य करने का काम अधिक तेजी से पूरा होने की उम्मीद है."
मोबाइल हैंडसेट निर्यात 2018-19 में आठ गुना बढ़कर 11,200 करोड़ रुपये हुआ - मोबाइल हैंडसेट निर्यात 2018-19 में आठ गुना बढ़कर 11
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2019 के दौरान हैंडसेट निर्यात करीब सात हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इससे चालू वित्त वर्ष में हैंडसेट निर्यात का आंकड़ा 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 में मोबाइल हैंडसेट का निर्यात आठ गुना से अधिक बढ़कर 11,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह पहली बार है जब मोबाइल हैंडसेट का निर्यात आयात से अधिक हो गया है.
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2019 के दौरान हैंडसेट निर्यात करीब सात हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इससे चालू वित्त वर्ष में हैंडसेट निर्यात का आंकड़ा 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.
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आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा, "मोबाइल हैंडसेट विनिर्माण उद्योग का रथ दौड़ रहा है. 2017-18 की तुलना में 2018-19 में निर्यात में 800 प्रतिशत तेजी देखने को मिली है. यह बेहतर भविष्य की दिशा में अच्छी शुरुआत है."
आईसीईए के अनुसार, 2014-15 में देश में 5.80 करोड़ हैंडसेट का विनिर्माण हुआ जिनकी कुल कीमत 18,900 करोड़ रुपये थी. नोकिया संयंत्र के बंद होने के बाद हैंडसेट निर्यात लगभग शून्य पर आ गया था. 2018-19 में विनिर्माण बढ़कर 29 करोड़ इकाइयों पर पहुंच गया, जिनकी कुल कीमत 1.81 लाख करोड़ रुपये रही.
महेंद्रू ने कहा, "घरेलू मांग में आयात की हिस्सेदारी 2014-15 में करीब 80 प्रतिशत थी जो 2018-19 में गिरकर महज छह प्रतिशत रह गयी. इससे मोबाइल हैंडसेट आयात को शुद्ध रूप से शून्य करने का काम अधिक तेजी से पूरा होने की उम्मीद है."
मोबाइल हैंडसेट निर्यात 2018-19 में आठ गुना बढ़कर 11,200 करोड़ रुपये हुआ
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 में मोबाइल हैंडसेट का निर्यात आठ गुना से अधिक बढ़कर 11,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह पहली बार है जब मोबाइल हैंडसेट का निर्यात आयात से अधिक हो गया है.
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2019 के दौरान हैंडसेट निर्यात करीब सात हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इससे चालू वित्त वर्ष में हैंडसेट निर्यात का आंकड़ा 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.
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आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा, "मोबाइल हैंडसेट विनिर्माण उद्योग का रथ दौड़ रहा है. 2017-18 की तुलना में 2018-19 में निर्यात में 800 प्रतिशत तेजी देखने को मिली है. यह बेहतर भविष्य की दिशा में अच्छी शुरुआत है."
आईसीईए के अनुसार, 2014-15 में देश में 5.80 करोड़ हैंडसेट का विनिर्माण हुआ जिनकी कुल कीमत 18,900 करोड़ रुपये थी. नोकिया संयंत्र के बंद होने के बाद हैंडसेट निर्यात लगभग शून्य पर आ गया था. 2018-19 में विनिर्माण बढ़कर 29 करोड़ इकाइयों पर पहुंच गया, जिनकी कुल कीमत 1.81 लाख करोड़ रुपये रही.
महेंद्रू ने कहा, "घरेलू मांग में आयात की हिस्सेदारी 2014-15 में करीब 80 प्रतिशत थी जो 2018-19 में गिरकर महज छह प्रतिशत रह गयी. इससे मोबाइल हैंडसेट आयात को शुद्ध रूप से शून्य करने का काम अधिक तेजी से पूरा होने की उम्मीद है."
Conclusion: