नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो आसमान पर राज करने की तरफ उन्मुख है, क्योंकि इसकी प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन जेट एयरवेज की बर्बादी का सबसे ज्यादा फायदा इसे ही मिलने वाला है.
उद्योग के एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, "सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी को सर्वाधिक फायदा मिलेगा. इसलिए इंडिगो को एयर ट्रैफिक का एक बड़ा हिस्सा मिलेगा. साथ ही, आने वाले महीनों और वर्षो में इसकी क्षमता में विस्तार की योजना है."
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पीडब्ल्यूसी के पार्टनर धीरज माथुर ने कहा कि जिसके पास ज्यादा विमान और चालक दल होंगे, उसको सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. इंडिगो के पास वर्तमान में 200 विमानों का बेड़ा है और यह रोजाना 1,400 उड़ानों का परिचालन करती हैं. ये उड़ानें 53 घरेलू और 18 अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य स्थानों के लिए हैं. घरेलू बाजार में इसकी बाजार हिससेदारी 43.4 फीसदी है और इसके बेड़े की विस्तार योजना काफी प्रगतिशील है.
घरेलू बाजार में क्षमता और वर्तमान बाजार हिस्सेदारी की बात करें तो स्पाइसजेट दूसरी सबसे ज्यादा फायदे में रहने वाली एयरलाइन कंपनी रहेगी, जबकि अन्य एयरलाइंस को उनके मौजूदा बेड़े के आकार और बाजार हिस्सेदारी के अनुसार लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा, "स्पाइसजेट के बाद एयर इंडिया, गो एयर, विस्तारा, एयर एशिया व अन्य जैसी विमान सेवा कंपनियों को लाभ मिल सकता है." सस्ती विमानसेवा कंपनी स्पाइसजेट घरेलू बाजार में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है जिसकी बाजार हिस्सेदारी 13.7 फीसदी है. इसके बेड़े में 48 बोइंग 737, 27 बोंबारडियर क्यू-400 और एक बी-737 मालवाहक विमान हैं.
एयरलाइन ने गुरुवार को कहा है कि वह दो सप्ताह से कम समय में 27 विमान अपने बेड़े में शामिल करेंगी. बेड़े के आकार और बाजार हिस्सेदारी की बात करें तो एयर इंडिया फायदा उठाने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है, लेकिन उड्डयन क्षेत्र के जानकारों एयरलाइन द्वारा इतनी जल्दी अपने बेड़े में विमानों की संख्या बढ़ाने को लेकर संदेह है.