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तांबे के आयात में हालिया वृद्धि सरकार के लिए चिंता का विषय : वी के सारस्वत

तांबे के मुद्दे पर इसी महीने नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई. जिसमें सारस्वत ने कहा कि तांबा एक महत्वपूर्ण जिंस है. इसलिए घरेलू तांबा उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण जरूरी है.

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Published : Oct 31, 2021, 12:01 PM IST

नई दिल्ली : तांबा आयात में हाल के समय हुई वृद्धि सरकार के लिए चिंता का विषय है. घरेलू तांबा उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने की जरूरत है. नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने यह राय दी है.

जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु में मई 2018 में स्टरलाइट कॉपर का तांबा संयंत्र बंद होने से पहले भारत तांबे का शुद्ध निर्यातक था. तांबे के मुद्दे पर इसी महीने सारस्वत की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई. बैठक में नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि तांबा एक महत्वपूर्ण जिंस है. यह जरूरी हो जाता है कि घरेलू तांबा उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जाए. इसके अलावा, उन्होंने तांबा कन्सन्ट्रेट पर ढाई प्रतिशत के सीमा शुल्क को समाप्त करने पर जोर दिया.

नीति आयोग ने 2019 में इसका सुझाव दिया था. बैठक के ब्योरे के अनुसार, 2018 के बाद भारत तांबे के शुद्ध निर्यातक से शुद्ध आयातक बन गया है. इस मुद्दे पर बैठक में गंभीरता से चर्चा हुई.

पढ़ें : केंद्र ने बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत राज्यों को जीएसटी मुआवजा जारी किया

स्टरलाइट कॉपर ने सूचित किया है कि तूतीकोरीन संयंत्र कानून और व्यवस्था की स्थिति के चलते बंद है. कंपनी ने समिति के सदस्यों से आग्रह किया है कि सरकार को इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान ढूंढना चाहिए, जिससे संयंत्र को फिर शुरू किया जा सके.

ब्योरे के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य ने सूचित किया कि यह मामला अदालत में लंबित है. इसलिए इस मुद्दे पर और चर्चा संभव नहीं है. उन्होंने कंपनी प्रबंधन से कहा कि वह परिचालन शुरू करने के लिए अदालत में इस मामले को आगे बढ़ाए. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में तांबे का आयात 26 प्रतिशत बढ़कर 60,766 टन पर पहुंच गया है. आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच इसमें और बढ़ोतरी की संभावना है.

माना जा रहा है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी से देश का तांबे का आयात चालू वित्त वर्ष में तीन लाख टन पर पहुंच सकता है. बीते वित्त वर्ष में तांबे का आयात 2,33,671 टन रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : तांबा आयात में हाल के समय हुई वृद्धि सरकार के लिए चिंता का विषय है. घरेलू तांबा उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने की जरूरत है. नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने यह राय दी है.

जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु में मई 2018 में स्टरलाइट कॉपर का तांबा संयंत्र बंद होने से पहले भारत तांबे का शुद्ध निर्यातक था. तांबे के मुद्दे पर इसी महीने सारस्वत की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई. बैठक में नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि तांबा एक महत्वपूर्ण जिंस है. यह जरूरी हो जाता है कि घरेलू तांबा उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जाए. इसके अलावा, उन्होंने तांबा कन्सन्ट्रेट पर ढाई प्रतिशत के सीमा शुल्क को समाप्त करने पर जोर दिया.

नीति आयोग ने 2019 में इसका सुझाव दिया था. बैठक के ब्योरे के अनुसार, 2018 के बाद भारत तांबे के शुद्ध निर्यातक से शुद्ध आयातक बन गया है. इस मुद्दे पर बैठक में गंभीरता से चर्चा हुई.

पढ़ें : केंद्र ने बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत राज्यों को जीएसटी मुआवजा जारी किया

स्टरलाइट कॉपर ने सूचित किया है कि तूतीकोरीन संयंत्र कानून और व्यवस्था की स्थिति के चलते बंद है. कंपनी ने समिति के सदस्यों से आग्रह किया है कि सरकार को इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान ढूंढना चाहिए, जिससे संयंत्र को फिर शुरू किया जा सके.

ब्योरे के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य ने सूचित किया कि यह मामला अदालत में लंबित है. इसलिए इस मुद्दे पर और चर्चा संभव नहीं है. उन्होंने कंपनी प्रबंधन से कहा कि वह परिचालन शुरू करने के लिए अदालत में इस मामले को आगे बढ़ाए. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में तांबे का आयात 26 प्रतिशत बढ़कर 60,766 टन पर पहुंच गया है. आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच इसमें और बढ़ोतरी की संभावना है.

माना जा रहा है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी से देश का तांबे का आयात चालू वित्त वर्ष में तीन लाख टन पर पहुंच सकता है. बीते वित्त वर्ष में तांबे का आयात 2,33,671 टन रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

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