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मैदान में टिके रहने के लिए हुवावे ने बेचा ऑनर स्मार्टफोन का बिजनेस - ऑनर स्मार्टफोन

हुवावे और शेन्जेन के बीच यह सौदा 15 बिलियन डॉलर में तय किया गया है, जिससे ऑनर के चैनल सेलर और आपूर्तिकर्ताओं को इस मुश्किल घड़ी से उबरने में मदद मिलगी.

मैदान में टिके रहने के लिए हुवावे ने बेचा ऑनर स्मार्टफोन का बिजनेस
मैदान में टिके रहने के लिए हुवावे ने बेचा ऑनर स्मार्टफोन का बिजनेस
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Published : Nov 17, 2020, 12:50 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच अपने व्यवसाय को लेकर पिछले करीब दो सालों से संघर्ष का सामना करने के बाद हुवावे ने आखिरकार मंगलवार को अपने सब-ब्रांड ऑनर को बेचने का ऐलान कर दिया. चीन में ही स्थित कंपनी शेन्जेन झिक्सिन न्यू इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को ऑनर की व्यवसायिक संपत्तियां बेची जा रही है.

खबरों के मुताबिक, हुवावे और शेन्जेन के बीच यह सौदा 15 बिलियन डॉलर में तय किया गया है, जिससे ऑनर के चैनल सेलर और आपूर्तिकर्ताओं को इस मुश्किल घड़ी से उबरने में मदद मिलगी.

अमेरिका में ऑनर स्मार्टफोन को प्रतिबंधों के घेरे में लाए जाने की वजह से हुवावे को किसी भी अमेरिकी कंपनी के साथ बिजनेस करने की मनाही थी.

ये भी पढ़ें: सेंसेक्स पहली बार 44,000 के पार, 12,900 के उपर खुला निफ्टी

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, "एक बार ऑनर को बेच दिए जाने पर हुवावे के पास इसका कोई शेयर नहीं होगा, हुवावे इसके व्यवसाय प्रबंधन में किसी भी तरह से शामिल नहीं होगा या न ही हुवावे के पास नई ऑनर कंपनी को लेकर निर्णय लेने संबंधी अधिकार होंगे."

हुवावे ने कहा कि कंपनी के अस्तित्व को बनाए रखने या इसे सुचारू रूप से जारी रखने के लिए ऑनर के इंडस्ट्री चेन ने यह कदम उठाया है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच अपने व्यवसाय को लेकर पिछले करीब दो सालों से संघर्ष का सामना करने के बाद हुवावे ने आखिरकार मंगलवार को अपने सब-ब्रांड ऑनर को बेचने का ऐलान कर दिया. चीन में ही स्थित कंपनी शेन्जेन झिक्सिन न्यू इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को ऑनर की व्यवसायिक संपत्तियां बेची जा रही है.

खबरों के मुताबिक, हुवावे और शेन्जेन के बीच यह सौदा 15 बिलियन डॉलर में तय किया गया है, जिससे ऑनर के चैनल सेलर और आपूर्तिकर्ताओं को इस मुश्किल घड़ी से उबरने में मदद मिलगी.

अमेरिका में ऑनर स्मार्टफोन को प्रतिबंधों के घेरे में लाए जाने की वजह से हुवावे को किसी भी अमेरिकी कंपनी के साथ बिजनेस करने की मनाही थी.

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कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, "एक बार ऑनर को बेच दिए जाने पर हुवावे के पास इसका कोई शेयर नहीं होगा, हुवावे इसके व्यवसाय प्रबंधन में किसी भी तरह से शामिल नहीं होगा या न ही हुवावे के पास नई ऑनर कंपनी को लेकर निर्णय लेने संबंधी अधिकार होंगे."

हुवावे ने कहा कि कंपनी के अस्तित्व को बनाए रखने या इसे सुचारू रूप से जारी रखने के लिए ऑनर के इंडस्ट्री चेन ने यह कदम उठाया है.

(आईएएनएस)

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