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होंडा बीएस-6 उत्सर्जन मानकों में भी भारत में डीजल कारों की बिक्री जारी रखेगी

होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कंपनी की योजना उसके दो डीजल इंजनों को बीएस-6 मानक के अनुरूप उन्नत करने की है. कंपनी इन इंजनों का इस्तेमाल अपनी अमेज, सिटी, डब्ल्यूआर-वी, बीआर-वी, सिविक और सीआर-वी जैसे मॉडल में करती है.

होंडा बीएस-6 उत्सर्जन मानकों में भी भारत में डीजल कारों की बिक्री जारी रखेगी
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Published : May 13, 2019, 3:03 PM IST

नई दिल्ली: प्रमुख कार निर्माता होंडा बीएस-6 उत्सर्जन नियमों के लागू होने के बाद भी भारत में डीजल मॉडल की कारों की बिक्री जारी रखेगी. कंपनी का यह फैसला देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक अप्रैल, 2020 से डीजल कारों की बिक्री बंद करने के ठीक उलट है.

होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कंपनी की योजना उसके दो डीजल इंजनों को बीएस-6 मानक के अनुरूप उन्नत करने की है. कंपनी इन इंजनों का इस्तेमाल अपनी अमेज, सिटी, डब्ल्यूआर-वी, बीआर-वी, सिविक और सीआर-वी जैसे मॉडल में करती है. कंपनी की चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही से बीएस-6 मानकों के अनुरूप पेट्रोल और डीजल इंजन से लैस कारों को बाजार में उतारने की योजना है.

ये भी पढ़ें: सीओएआई ने मोबाइल सिग्नल बूस्टर की बिक्री रोकने के लिए दूरसंचार विभाग से संपर्क किया

एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (बिक्री एवं विपणन) राजेश गोयल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "हमारा अनुभव है कि 80 प्रतिशत ग्राहक दूरी एवं रिकवरी की अवधि का ध्यान रखते हुए पेट्रोल एवं डीजल इंजनों के बीच तार्किक फैसला करते हैं. हालांकि 20 प्रतिशत ऐसे ग्राहक हैं जो भावनाओं में आकर किसी खास ईंधन वाले मॉडलों का चुनाव करते हैं."

उन्होंने कहा कि कंपनी ऐसे 20 प्रतिशत ग्राहकों का भी ध्यान रखेगी. गोयल ने स्वीकार किया कि बीएस-6 मॉडलों के बाजार में आने के बाद ईंधन से जुड़ी बहुत सी चीजें बदल जाएंगी और पेट्रोल एवं डीजल मॉडलों की कीमत का अंतर बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, "लेकिन हमारा मानना है कि डीजल कारों की मांग एकदम से नहीं खत्म हो जाएगी. इसलिए हम बाजार की मांग के अनुरूप डीजल मॉडलों की पेशकश जारी रखेंगे एवं धीरे-धीरे भविष्य के विकल्पों की ओर रुख करेंगे."

नई दिल्ली: प्रमुख कार निर्माता होंडा बीएस-6 उत्सर्जन नियमों के लागू होने के बाद भी भारत में डीजल मॉडल की कारों की बिक्री जारी रखेगी. कंपनी का यह फैसला देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक अप्रैल, 2020 से डीजल कारों की बिक्री बंद करने के ठीक उलट है.

होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कंपनी की योजना उसके दो डीजल इंजनों को बीएस-6 मानक के अनुरूप उन्नत करने की है. कंपनी इन इंजनों का इस्तेमाल अपनी अमेज, सिटी, डब्ल्यूआर-वी, बीआर-वी, सिविक और सीआर-वी जैसे मॉडल में करती है. कंपनी की चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही से बीएस-6 मानकों के अनुरूप पेट्रोल और डीजल इंजन से लैस कारों को बाजार में उतारने की योजना है.

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एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (बिक्री एवं विपणन) राजेश गोयल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "हमारा अनुभव है कि 80 प्रतिशत ग्राहक दूरी एवं रिकवरी की अवधि का ध्यान रखते हुए पेट्रोल एवं डीजल इंजनों के बीच तार्किक फैसला करते हैं. हालांकि 20 प्रतिशत ऐसे ग्राहक हैं जो भावनाओं में आकर किसी खास ईंधन वाले मॉडलों का चुनाव करते हैं."

उन्होंने कहा कि कंपनी ऐसे 20 प्रतिशत ग्राहकों का भी ध्यान रखेगी. गोयल ने स्वीकार किया कि बीएस-6 मॉडलों के बाजार में आने के बाद ईंधन से जुड़ी बहुत सी चीजें बदल जाएंगी और पेट्रोल एवं डीजल मॉडलों की कीमत का अंतर बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, "लेकिन हमारा मानना है कि डीजल कारों की मांग एकदम से नहीं खत्म हो जाएगी. इसलिए हम बाजार की मांग के अनुरूप डीजल मॉडलों की पेशकश जारी रखेंगे एवं धीरे-धीरे भविष्य के विकल्पों की ओर रुख करेंगे."

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नई दिल्ली: प्रमुख कार निर्माता होंडा बीएस-6 उत्सर्जन नियमों के लागू होने के बाद भी भारत में डीजल मॉडल की कारों की बिक्री जारी रखेगी. कंपनी का यह फैसला देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक अप्रैल, 2020 से डीजल कारों की बिक्री बंद करने के ठीक उलट है.

होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कंपनी की योजना उसके दो डीजल इंजनों को बीएस-6 मानक के अनुरूप उन्नत करने की है. कंपनी इन इंजनों का इस्तेमाल अपनी अमेज, सिटी, डब्ल्यूआर-वी, बीआर-वी, सिविक और सीआर-वी जैसे मॉडल में करती है. कंपनी की चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही से बीएस-6 मानकों के अनुरूप पेट्रोल और डीजल इंजन से लैस कारों को बाजार में उतारने की योजना है.

एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (बिक्री एवं विपणन) राजेश गोयल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "हमारा अनुभव है कि 80 प्रतिशत ग्राहक दूरी एवं रिकवरी की अवधि का ध्यान रखते हुए पेट्रोल एवं डीजल इंजनों के बीच तार्किक फैसला करते हैं. हालांकि 20 प्रतिशत ऐसे ग्राहक हैं जो भावनाओं में आकर किसी खास ईंधन वाले मॉडलों का चुनाव करते हैं."

उन्होंने कहा कि कंपनी ऐसे 20 प्रतिशत ग्राहकों का भी ध्यान रखेगी. गोयल ने स्वीकार किया कि बीएस-6 मॉडलों के बाजार में आने के बाद ईंधन से जुड़ी बहुत सी चीजें बदल जाएंगी और पेट्रोल एवं डीजल मॉडलों की कीमत का अंतर बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, "लेकिन हमारा मानना है कि डीजल कारों की मांग एकदम से नहीं खत्म हो जाएगी. इसलिए हम बाजार की मांग के अनुरूप डीजल मॉडलों की पेशकश जारी रखेंगे एवं धीरे-धीरे भविष्य के विकल्पों की ओर रुख करेंगे."

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