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निवेशकों को भ्रामक सूचना देने के कारण एचडीएफसी बैंक पर हो सकता है मुकदमा - निवेशकों को भ्रामक सूचना देने के कारण एचडीएफसी बैंक पर हो सकता है मुकदमा

अमेरिका स्थित वैश्विक निवेशक अधिकार लॉ फर्म रोसेन लॉ फर्म ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के शेयरधारकों की ओर से संभावित प्रतिभूतियों के दावों की जांच की घोषणा की.

निवेशकों को भ्रामक सूचना देने के कारण एचडीएफसी बैंक पर हो सकता है मुकदमा
निवेशकों को भ्रामक सूचना देने के कारण एचडीएफसी बैंक पर हो सकता है मुकदमा
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Published : Aug 17, 2020, 2:21 PM IST

हैदराबाद: भारत का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का ऋणदाता एचडीएफसी बैंक लिमिटेड सोमवार को अपने निवेशकों को भ्रामक व्यावसायिक जानकारी जारी करने के आरोपों में अमेरिका की एक कानूनी फर्म के संदेह के घेरे में आ गया.

वैश्विक निवेशकों अधिकारों के लिए काम करने वाली रूसेन लॉ फर्म ने रविवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की कि वह एचडीएफसी बैंक के शेयरधारकों की ओर से संभावित प्रतिभूतियों के दावों की जांच शुरू कर रही है.

संभावित मुकदमा कई मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है. जिनमें से एक एचडीएफसी बैंक की वाहन ऋण देने की इकाई में अनुचित प्रथाओं को उजागर करता है.

ये भी पढ़ें- नागालैंड: अनानास की खेती पर कोरोना का असर, किसानों को भारी नुकसान

कथित तौर पर एचडीएफसी बैंक द्वारा एक आंतरिक ऑडिट में पता चला है कि ऋणदाता के कार ऋण ग्राहकों को उनकी जानकारी के बिना ऑटो ऋण के साथ जीपीएस उपकरण दिए गए थे. यह आचार संहिता और शासन के नियमों का उल्लंघन था जो बैंक के कर्मचारियों को गैर-वित्तीय व्यवसायों में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित करता है.

इस खबर आने के बाद एचडीएफसी बैंक की अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीद का मूल्य 13 जुलाई 2020 को 1.37 डॉलर प्रति शेयर या 2.83 प्रतिशत गिर गया और 47.02 डॉलर प्रति शेयर पर आ गया.

यह मुकदमा इस महीने की शुरुआत में एक मीडिया रिपोर्ट को भी ध्यान में रख रहा है जिसमें एक्सपीरियन पीएलसी की भारतीय इकाई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सूचित किया था कि "एचडीएफसी बैंक को अपने ऋण का विवरण प्रदान करने में देर हो गई है, जिसमें उसकी पुनर्भुगतान की स्थिति भी शामिल है." एक्सपेरियन एक वैश्विक सूचना सेवा कंपनी है जो दुनिया भर के निवेशकों को डेटा और विश्लेषणात्मक उपकरण प्रदान करती है.

रोसेन लॉ ने यह भी कहा कि एचडीएफसी बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की रिपोर्ट के बाद शेयरधारकों को शुद्ध लाभ के संबंध में विश्लेषक के चूक का अनुमान है, जबकि परिसंपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट की भी रिपोर्ट है.

ईटीवी भारत की ने एचडीएफसी बैंक इस मामले में जानकारी मांगी. जिसके जवाब में एचडीएफसी बैंक ने कहा, "हम इस तरह के किसी भी चीज (कार्रवाई के मुकदमे) से अनजान थे जब तक कि हमने आज से थोड़ी देर पहले मीडिया से इसके बारे में सुना. हम इसके बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं."

संभावित मुकदमे पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए ईटीवी भारत एचडीएफसी बैंक से बातचीत की कोशिश कर रहा है. जिसके बाद आगे और जानकारी के साथ इस खबर को अपडेट किया जाएगा.

इस बीच रोसेन लॉ फर्म ने एचडीएफसी बैंक के निवेशकों को अपने शेयर स्वामित्व का विवरण प्रदान करके वर्ग कार्रवाई मुकदमा में शामिल होने के लिए कहा है. फर्म ने कहा, "यदि आपने एचडीएफसी बैंक की प्रतिभूतियां खरीदी हैं, तो कृपया प्रतिभूति कार्रवाई में शामिल होने के लिए फर्म की वेबसाइट http://www.rosenlegal.com/cases-register-1922.html पर जाएं.

लॉ फर्म पिछले साल खबरों में थी जब उसने कहा था कि वह आईटी फर्म इंफोसिस लिमिटेड के खिलाफ एक समान श्रेणी की कार्रवाई मुकदमा तैयार कर रही थी. जिसके बाद एक अनाम व्हिसलब्लोअर समूह ने प्रबंधन पर अनैतिक कदम उठाकर अल्पकालिक राजस्व और मुनाफे को बढ़ाने का आरोप लगाया था. हालांकि, बाद में मुकदमा खारिज कर दिया गया था.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

हैदराबाद: भारत का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का ऋणदाता एचडीएफसी बैंक लिमिटेड सोमवार को अपने निवेशकों को भ्रामक व्यावसायिक जानकारी जारी करने के आरोपों में अमेरिका की एक कानूनी फर्म के संदेह के घेरे में आ गया.

वैश्विक निवेशकों अधिकारों के लिए काम करने वाली रूसेन लॉ फर्म ने रविवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की कि वह एचडीएफसी बैंक के शेयरधारकों की ओर से संभावित प्रतिभूतियों के दावों की जांच शुरू कर रही है.

संभावित मुकदमा कई मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है. जिनमें से एक एचडीएफसी बैंक की वाहन ऋण देने की इकाई में अनुचित प्रथाओं को उजागर करता है.

ये भी पढ़ें- नागालैंड: अनानास की खेती पर कोरोना का असर, किसानों को भारी नुकसान

कथित तौर पर एचडीएफसी बैंक द्वारा एक आंतरिक ऑडिट में पता चला है कि ऋणदाता के कार ऋण ग्राहकों को उनकी जानकारी के बिना ऑटो ऋण के साथ जीपीएस उपकरण दिए गए थे. यह आचार संहिता और शासन के नियमों का उल्लंघन था जो बैंक के कर्मचारियों को गैर-वित्तीय व्यवसायों में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित करता है.

इस खबर आने के बाद एचडीएफसी बैंक की अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीद का मूल्य 13 जुलाई 2020 को 1.37 डॉलर प्रति शेयर या 2.83 प्रतिशत गिर गया और 47.02 डॉलर प्रति शेयर पर आ गया.

यह मुकदमा इस महीने की शुरुआत में एक मीडिया रिपोर्ट को भी ध्यान में रख रहा है जिसमें एक्सपीरियन पीएलसी की भारतीय इकाई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सूचित किया था कि "एचडीएफसी बैंक को अपने ऋण का विवरण प्रदान करने में देर हो गई है, जिसमें उसकी पुनर्भुगतान की स्थिति भी शामिल है." एक्सपेरियन एक वैश्विक सूचना सेवा कंपनी है जो दुनिया भर के निवेशकों को डेटा और विश्लेषणात्मक उपकरण प्रदान करती है.

रोसेन लॉ ने यह भी कहा कि एचडीएफसी बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की रिपोर्ट के बाद शेयरधारकों को शुद्ध लाभ के संबंध में विश्लेषक के चूक का अनुमान है, जबकि परिसंपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट की भी रिपोर्ट है.

ईटीवी भारत की ने एचडीएफसी बैंक इस मामले में जानकारी मांगी. जिसके जवाब में एचडीएफसी बैंक ने कहा, "हम इस तरह के किसी भी चीज (कार्रवाई के मुकदमे) से अनजान थे जब तक कि हमने आज से थोड़ी देर पहले मीडिया से इसके बारे में सुना. हम इसके बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं."

संभावित मुकदमे पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए ईटीवी भारत एचडीएफसी बैंक से बातचीत की कोशिश कर रहा है. जिसके बाद आगे और जानकारी के साथ इस खबर को अपडेट किया जाएगा.

इस बीच रोसेन लॉ फर्म ने एचडीएफसी बैंक के निवेशकों को अपने शेयर स्वामित्व का विवरण प्रदान करके वर्ग कार्रवाई मुकदमा में शामिल होने के लिए कहा है. फर्म ने कहा, "यदि आपने एचडीएफसी बैंक की प्रतिभूतियां खरीदी हैं, तो कृपया प्रतिभूति कार्रवाई में शामिल होने के लिए फर्म की वेबसाइट http://www.rosenlegal.com/cases-register-1922.html पर जाएं.

लॉ फर्म पिछले साल खबरों में थी जब उसने कहा था कि वह आईटी फर्म इंफोसिस लिमिटेड के खिलाफ एक समान श्रेणी की कार्रवाई मुकदमा तैयार कर रही थी. जिसके बाद एक अनाम व्हिसलब्लोअर समूह ने प्रबंधन पर अनैतिक कदम उठाकर अल्पकालिक राजस्व और मुनाफे को बढ़ाने का आरोप लगाया था. हालांकि, बाद में मुकदमा खारिज कर दिया गया था.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

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