नई दिल्ली: किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में केवियट याचिका दायर की है. समूह ने यह याचिका रिलायंस के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर अमेजन की ओर से कानूनी विवाद उठाये जाने के संदर्भ में दर्ज की है.
केवियट याचिका उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में किसी वादी द्वारा उसका पक्ष सुने बिना किसी भी तरह का फैसला आने से रोकने के लिए दायर की जाती है.
अमेजन, रिलायंस के साथ हुए फ्यूचर समूह के सौदे को रोकने के लिए सिंगापुर में एक अंतरराषट्रीय मध्यस्थता फोरम से 25 अक्टूबर को अपने पक्ष में अंतरिम आदेश प्राप्त करने में सफल रही है. इसी के मद्देनजर फ्यूचर समूह ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है.
फ्यूचर समूह ने अपनी याचिका में कहा, "अमेजन की ओर से दाखिल की जाने वाली किसी भी तरह की याचिका पर किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं दिया जाए. दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 148ए के तहत इस संदर्भ में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को सूचना दी जाए."
कंपनी ने कहा कि उसने केवियट याचिका की एक प्रतिलिपि अमेजन को भी भेजी है. उसने अमेजन को इसकी प्रतिलिपि के साथ लिखा है, "मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा नौ के तहत किसी भी तरह की याचिका दाखिल करने से 48 घंटे पहले आप (अमेजन) कंपनी को सूचित करेंगे."
अमेजन ने इस बारे में टिप्पणी करने से मना किया. उल्लेखनीय है कि 29 अगस्त को फ्यूचर समूह ने अपनी कुछ कंपनियां रिलायंस समूह की रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को सौंपने की घोषणा की. इसमें कंपनी का खुदरा एवं थोक कारोबार और फ्यूटर एंटरप्राइजेज लिमिटेड का लॉजिस्टिक एवं गोदाम कारोबार शामिल है.
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अमेजन ने फ्यूचर रिटेल की एक प्रवर्तक कंपनी एफसीपीएल में पिछले साल अगस्त में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. एफसीपीएल की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
फ्यूचर रिटेल देशभर में बिगबाजार समेत 1500 से अधिक खुदरा स्टोर चलाती है. इसके लिए हुए सौदे में अमेजन को फ्यूचर समूह में निवेश करने के बारे में पहले पूछे जाने का अधिकार मिला है साथ ही तीन से 10 साल की अवधि के बाद समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला है.
वर्तमान में भारतीय खुदरा बाजार, ई-वाणिज्य बाजार पर कब्जा करने को लेकर अमेजन, रिलायंस और वालमार्ट की फ्लिपकार्ट के बीच जंग छिड़ी है.
(पीटीआई-भाषा)