नई दिल्ली: गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने सोमवार को संकट में फंसी आईएल एंड एफएस के पूर्व उपाध्यक्ष हरि शंकरन को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें धोखाधड़ी में शामिल होने तथा कंपनी तथा उसके कर्जदाताओं को नुकसान पहुंचाने के एवज में गिरफ्तार किया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि शंकरन को आईएल एंड एफएस तथा उसकी समूह इकाइयों के खिलाफ जारी जांच के संदर्भ में मुंबई में गिरफ्तार किया गया. आईएल एंड एफएस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से यह पहली गिरफ्तारी है. उसने कहा कि शंकरन को आईएल एंड एफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लि. में अपनी शक्तियों के दुरूपयोग को लेकर गिरफ्तार किया गया. उन पर आरोप है कि वह धोखाधड़ी में शामिल हुए और वैसी इकाइयों को कर्ज दिए, जो कर्ज देने लायक नहीं थे तथा उन्हें गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया.
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इससे कंपनी तथा उसके कर्जदाताओं को नुकसान हुआ. गिरफ्तारी के बाद उन्हें चार अप्रैल तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है. सूत्रों के अनुसार आईएल एंड एफएस फाइनेंशियल सर्विसेज बांड तथा बैंक कर्ज के जरिये 17,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लिये. भविष्य निधि, म्यूचुअल फंड, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों ने इन बांड में निवेश किये. आईएल एंड एफएस में वित्तीय अनियमितता की बात उस समय सामने आयी जब कुछ इकाइयों ने कर्ज भुगतान में चूक की. सरकार ने कंपनी का नया निदेशक मंडल बनाया. कंपनी की समाधान योजना योजना पर काम जारी है.