मुंबई : जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल आखिरकार जेट एयरवेज के बोर्ड से बाहर निकल गए. सूत्रों के अनुसार, आज मुंबई में हुई एक आपातकालीन बोर्ड बैठक में इस निर्णय की घोषणा की गई.
इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक, जेट का कुल कर्ज करीब 8,000 करोड़ रुपये है. कंपनी को अपनी बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने के लिए तत्काल धन की आवश्यकता है.
विमानन कंपनी के इंजीनियरों और कर्मचारियों समेत अन्य अत्यधिक महत्वपूर्ण खंडों के साथ पायलटों को 1 जनवरी से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, और उनके दिसंबर के वेतन का केवल 12.5 प्रतिशत प्राप्त हुआ है.
विमानन नियामक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि जेट एयरवेज के पास परिचालन के लिए बेड़े में 120 विमानों में से केवल 41 विमान बचे हैं, जिनमें और कमी हो सकती है.
तत्काल आधार पर, उधारदाताओं को जेट एयरवेज को 750 करोड़ रुपये देना है, जो बैंकों के साथ जेट प्रिविलेज में एयरलाइन की हिस्सेदारी गिरवी रखकर आएंगे. सूत्रों ने कहा कि ऋणदाताओं में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) हो सकता है.
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नरेश गोयल ने कंपनी के बोर्ड छोड़ने की खबरों के बाद सोमवार दोपहर जेट एयरवेज के शेयरों में 12 फीसदी की छलांग लगाई.
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